फिजियोलॉजिकल हार्ट पेसिंग का पहला मामला सफल

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फिजियोलॉजिकल हार्ट पेसिंग का पहला मामला सफल


फिजियोलॉजिकल हार्ट पेसिंग का पहला मामला सफल


जम्मू, 6 अगस्त (हि.स.)। डॉ. निखिल महाजन ने अपनी टीम के साथ श्री माता वैष्णो देवी नारायण अस्पताल, काकरयाल में एक हृदय रोगी में जम्मू और कश्मीर के पहले फिजियोलॉजिकल पेसिंग का सफलतापूर्वक किया।

रोगी को कम नाड़ी की दर और चेतना के नुकसान के साथ लगातार आ रहे चक्कर के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, सर्जरी के बाद वह पूरी तरह से ठीक हो गए हैं।

रोग के बारे में बताते हुए डॉ. निखिल महाजन ने कहा कि 50 से अधिक वर्षों के लिए, स्थायी कार्डियक पेसमेकर के लिए एक मानक दृष्टिकोण हृदय के शीर्ष पर लीड प्लेसमेंट था। इसके परिणामस्वरूप 40% रोगियों में हृदय गति रुकने और अतालता के रूप में अप्रिय दुष्प्रभाव हुए। ऐसे प्रतिकूल दुष्प्रभावों का मुकाबला करने के लिए, शारीरिक हृदय गति की आवश्यकता की मांग की गई।

प्रक्रिया की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी बंडल पेसिंग (एचबीपी) और लेफ्ट बंडल ब्रांच पेसिंग (एलबीबीपी) का उद्देश्य हृदय की ऐसी शारीरिक सक्रियता को बहाल करना है। शारीरिक पेसिंग सुरक्षित, प्रभावोत्पादक और व्यवहार्य है; और दिल की विफलता की दीर्घकालिक जटिलता से बचा जाता है। यह पेसिंग का भविष्य है और इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

सुविधा निदेशक एमएम मथावन ने कहा कि मरीज ने बिना किसी जटिलता के कम नाड़ी के लिए सफल लेफ्ट बंडल ब्रांच पेसिंग की।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान