केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पहली बार अरंडी फसल की बुवाई हुई

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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पहली बार अरंडी फसल की बुवाई हुई


केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पहली बार अरंडी फसल की बुवाई हुई


कठुआ, 06 अगस्त (हि.स.)। राहुल पांडे आईएएस, उपायुक्त कठुआ और संजीव राय गुप्ता मुख्य कृषि अधिकारी कठुआ ने किसान अशोक कुमार पुत्र किशन चंद निवासी लोगेट कठुआ के 3 कनाल क्षेत्र में अरंडी की फसल की बुवाई का उद्घाटन किया।

डीसी कठुआ राहुल पांडे ने मुख्य कृषि अधिकारी कठुआ संजीव राय गुप्ता द्वारा की गई नई पहल की सराहना करते हुए कहा कि अरंडी की बुवाई वैकल्पिक फसल से कंडी क्षेत्रों में किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। बीज, पत्ते और तने से विभिन्न उत्पाद तैयार किया जा सकता है जोकि विभिन्न कॉस्मेटिक, दवा और पेट्रोलियम उद्योगों के लिए कच्चे माल का स्रोत है। उन्होंने कहा कि किसान अपने खेत में अरंडी उगाकर अच्छी कमाई कर सकता है। उन्होंने अरंडी को वैकल्पिक फसल के रूप में शामिल करने की बात कही जो बंदरों के खतरे से भी शून्य नुकसान सुनिश्चित करेगा।

संजीव राय गुप्ता मुख्य कृषि अधिकारी कठुआ ने नई पहल के लिए आगे आने वाले किसानों को बधाई दी और कृषक समुदाय को सहायता प्रदान कर तेजी से आगे बढ़ने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को व्यापक रूप से कम करने के लिए विभाग काम कर रहा है, जिससे कृषक समुदाय का आर्थिक परिदृश्य मजबूत किया जा सके। क्षेत्र में बंदरों के खतरे पर बात करते हुए मुख्य कृषि अधिकारी कठुआ ने बताया कि वर्तमान में कठुआ जिले के पास लगभग 21000 हेक्टेयर धान की फसल के तहत भूमि है, जिसमें से 2200 हेक्टेयर में बंदरों का खतरा है, जिससे किसानों की फसल को भारी नुकसान होता है। इसलिए वैकल्पिक फसल के रूप में अरंडी की खेती की जाए, चूंकि अरंडी बंदरों के लिए स्वादिष्ट नहीं है। इससे हर साल बंदरों की बढ़ती आबादी से होने वाले भारी नुकसान को कम किया जा सकता है। गुप्ता ने कहा कि प्रारंभ में एक एकड क्षेत्र में अरंडी फसल को बोया जाने का लक्ष्य है। इस मौके पर सरपंच लोगेट राजा राम और सरपंच भोली सिंह ने कृषि विभाग को बधाई देते हुए आभार व्यक्त किया।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान