राष्ट्रीय परंपरा की विरासत का पर्व है रक्षाबंधन : महेन्द्र शर्मा

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राष्ट्रीय परंपरा की विरासत का पर्व है रक्षाबंधन : महेन्द्र शर्मा


राष्ट्रीय परंपरा की विरासत का पर्व है रक्षाबंधन : महेन्द्र शर्मा


कोलकाता, 12 अगस्त (हि.स.)। 'रक्षाबंधन का पर्व हमारी राष्ट्रीय परंपरा की विरासत है। यह सामाजिक समरसता का पर्व है जो हमें लोकोत्तर दृष्टिकोण से 'मातृवत् परदारेषु' यानी पराई स्त्री मेरी मां है का भाव जागृत करता है एवं भाई बहन के भाव को दृढ़ करता है। उपरोक्त बातें विश्व हिंदू परिषद पश्चिम कोलकाता के अध्यक्ष एडवोकेट महेन्द्र कुमार शर्मा ने परिषद की ओर से कोलकाता के मालापाड़ा मोड़ पर आयोजित राखी बंधन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि रवीन्द्र नाथ टैगोर ने रक्षाबंधन पर्व पर राखी के धागे के माध्यम से इसी आपसी भाईचारे के फलस्वरूप बंगाल विभाजन को चुनौती दी और सफल रहे। वर्तमान परिस्थिति में भी हमें आपसी भाईचारे एवं संगठन की आवश्यकता को समझने की जरुरत है।

इस आयोजन के तहत परिषद् के कार्यकर्ताओं ने सुमन तोषनीवाल के नेतृत्व में सड़क पर खड़े होकर लगभग 800 भाई-बहनों को स्नेह बंधन की राखी बांधी। परिषद् के मंत्री श्री सत्यनारायण मोरीजावाला, यशवंत बालासिया, ब्रह्मानंद बंग, अशोक सिंघानिया, अशोक दूबे एवं उषा वाघेला प्रभृति कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाई। हिन्दुस्थान समाचार/मधुप