तृणमूल नेताओं की संपत्ति बढ़ने के आरोप पर पार्टी ने दी सफाई, बताया- बदनाम करने की साजिश

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तृणमूल नेताओं की संपत्ति बढ़ने के आरोप पर पार्टी ने दी सफाई, बताया- बदनाम करने की साजिश


तृणमूल नेताओं की संपत्ति बढ़ने के आरोप पर पार्टी ने दी सफाई, बताया- बदनाम करने की साजिश


कोलकाता,10 अगस्त (हि.स.)। तृणमूल कांग्रेस के 19 नेताओं और मंत्रियों की संपत्ति में कथित बढ़ोतरी के मामले पर बुधवार को तृणमूल के नेताओं ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर पार्टी का पक्ष रखा। तृणमूल नेताओं ने इसे पार्टी से जुड़े लोगों को बदनाम करने की विपक्ष की साजिश बताया।

बुधवार को राज्य विधानसभा परिसर में फिरहाद हकीम, ब्रात्य बसु, ज्योतिप्रिय मल्लिक, मलय घटक, शिउली साहा और अरूप रॉय ने संयुक्त रूप से एक प्रेस कांफ्रेंस की। पत्रकार वार्ता में फिरहाद हकीम ने दावा किया कि कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, माकपा नेता सूर्यकांत मिश्रा, अबू हिना, नेपाल महतो, अशोक भट्टाचार्य जैसे नेता मिलकर तृणमूल के नेताओं को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।

फिरहाद ने कहा कि चुनाव आयोग को दिए गए अपने हलफनामे में हमलोगों ने अपनी संपत्ति तथा आय-व्यय का पूरा हिसाब दिया है। आज तक कभी भी आयकर विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। रोजगार करना अथवा संपत्ति बढ़ाना गैरकानूनी नहीं है। यह जनहित से जुड़ा हुआ मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा की बी टीम के तौर पर राजनीतिक स्वार्थ के लिए माकपा व कांग्रेस ऐसे मामले कर रहे हैं और आधारहीन आरोप भी लगा रहे हैं। वे आधी अधूरी बातें करते हैं। इसके अलावा पार्थ चटर्जी पर सीधे हमला बोलते हुए हकीम ने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी किया है, उससे हम लोग शर्मिंदा हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस में रहने वाले सारे लोग चोर हैं।

ब्रात्य बसु ने कहा कि चुनाव में हार के बाद विपक्ष ओछी राजनीति कर रहा है। उन्होंने आगे दावा किया कि संपत्ति वृद्धि की सूची में अधीरंजन चौधरी, सूर्यकांत मिश्रा, अशोक भट्टाचार्य, कांति गांगुली, अबू हेना, फणीभूषण महतो, धीरेन बाकदी, रूपरानी मंडल, तरुणकांति घोष, चंदन साहा, नेपाल महतो, मोहित सेनगुप्ता जैसे राजनेता शामिल हैं। हम माकपा, कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी पर टिप्पणी नहीं करेंगे, यदि आवश्यक हुआ तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि बिप्लब कुमार चौधरी और अनिंद्य सुंदर दास नाम के दो लोगों ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें यह आराेप लगाया गया है कि वर्ष 2011 के बाद से सत्ताधारी दल के नेताओं और मंत्रियों की संपत्ति एक हजार गुना तक बढ़ गई है। जनप्रतिनिधियों के चुनावी हलफनामे में दिखाई गई संपत्ति की राशि में अगले पांच वर्षों में काफी वृद्धि हुई है। इस मामले को लेकर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें तृणमूल नेताओं ज्योतिप्रिय मल्लिक, मलय घटक, गौतम देव, इकबाल अहमद, फिरहाद हकीम, स्वर्ण कमल साहा, ब्रात्य बसु, जावेद खान, अरूप रॉय, अब्दुर रज्जाक मुल्ला, राजीव बनर्जी, सब्यसाची दत्ता, शिउली साहा और बिमान बनर्जी का नाम है। कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की एक खंडपीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मामले में एक पक्ष बनाने का निर्देश दिया है क्योंकि मामला संपत्ति के बारे में है।

हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा