तृणमूल नेताओं की हाईकोर्ट में अर्जी : संपत्ति जांच मामले में ईडी को ना करें शामिल

कोलकाता, 12 अगस्त (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार और मवेशी तस्करी मामले में तृणमूल कांग्रेस के दो बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हलचल मचा हुआ है। इसी बीच राज्य के 19 नेताओं और मंत्रियों की संपत्ति की जांच संबंधी याचिका हाईकोर्ट में लगी है जिसमें कोर्ट ने ईडी को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। इसी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के नेता एक बार फिर हाई कोर्ट जा पहुंचे हैं। इनकी मांग है कि संपत्ति जांच संबंधी मामले में ईडी को शामिल नहीं किया जाए। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ में तृणमूल कांग्रेस के तीन नेताओं के नाम से याचिका लगाकर जल्द से जल्द सुनवाई की अर्जी लगाई है। इस याचिका में अरूप राय, ज्योतिप्रिय मल्लिक और फिरहाद हकीम के नाम शामिल हैं।
दरअसल विप्लव कुमार चौधरी और अनिंद्य सुंदरदास नाम के दो लोगों ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई है जिसमें तृणमूल कांग्रेस के 19 नेताओं और मंत्रियों को नामजद करते हुए उनकी संपत्ति की जांच करने की मांग की है। उन्होंने दावा किया है कि सत्तारूढ़ पार्टी से संबंध होने के बाद इनकी संपत्ति में हजारों गुना बढ़ोतरी हुई है। इसीलिए यह जांच की जानी चाहिए कि बिना किसी बिजनेस इन लोगों की संपत्ति कैसे बढ़ रही है। इस बारे में तृणमूल के उक्त नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि संपत्ति बढ़ना कोई गैर कानूनी काम नहीं है। तृणमूल में होने का यह मतलब नहीं होता कि हर कोई चोर है। यह जनहित से संबंधित मामला है ही नहीं। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा