अगर रसोईघर की दिशा गलत है, तो तैयार हो जाएं भुगतने के लिए परिणाम, गरीबी नहीं छोड़ेगी आपका साथ!
घर के मुख्य हिस्सा रसोईघर को माना गया है, जिसमें महिलाएं अपना अधिक से अधिक वक्त बिताती हैं। साथ ही पूरे दिन काम करने के लिए ऊर्जा जुटाने का काम रसोईघर से ही किया जाता है। रसोई घर में रखे एक – एक चीज बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। वास्तु शास्त्र के मुताबिक इन्हें एक निश्चित स्थान पर रखने से जीवन में सुख समृद्धि एवं सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।
सही दिशा में अगर रसोईघर ना बनाई जाए तो घर के मुखिया एवं परिवार को आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक अग्निदेव दक्षिण पूर्व दिशा में रहते हैं। इसलिए किचन का निर्माण अक्सर दक्षिण पूर्व दिशा में ही करवानी चाहिए। यदि कारणवश दक्षिण पूर्व दिशा में किचन नहीं बन पाया हो तो आप इसे उत्तर पश्चिम दिशा में बना सकते हैं।
भूलकर भी उत्तर उत्तर पूर्व या फिर दक्षिण पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए ऐसा करने से परिवार के लोगों के स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत बढ़ती है। किचन में वाशबेसिन एवं गैस का प्लेटफार्म एक जगह पर नहीं होना चाहिए। दोनों को ऑपोजिट डायरेक्शन पर रखना चाहिए, क्योंकि स्टोव और वाशबेसिन आग एवं पानी के तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कि एक दूसरे के विपरीत है इन दोनों को अलग जगह पर रखना ही सही है नहीं तो नकारात्मक प्रभाव बढ़ते हैं।
परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव बढ़ने लगते हैं साथ ही पति पत्नी के संबंध में भी लड़ाई झगड़े उत्पन्न होते हैं। किचन में इस्तेमाल होने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को आपको दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। किचन में गैस स्टोव को इस तरह रखे कि खाना बनाने वाले व्यक्ति का मुंह पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के मुताबिक नाली या पानी बहने वाले पाइप को उत्तर या फिर उत्तर पूर्व दिशा की ओर रखनी चाहिए।