अगर नहीं चाहते हैं बर्बाद होना, तो सूर्यास्त के बाद न धोएं कपड़े और न करें अंतिम संस्कार, हो जायेंगे कंगाल

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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अगर नहीं चाहते हैं बर्बाद होना, तो सूर्यास्त के बाद न धोएं कपड़े और न करें अंतिम संस्कार, हो जायेंगे कंगाल

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Astro Tips : हिंदू धर्म में छोटी सी छोटी चीजों का बहुत महत्व होता है, वैसे ही सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का बहुत महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अगर व्यक्ति जानबूझकर इन चीजों को करता है तो उसे जीवन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कहा जाता है कि सूर्यास्त के समय हिंदू धर्म के लोगों को खूब परहेज करना चाहिए नहीं तो जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सालों से बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि शाम के वक्त झाड़ू नहीं लगानी चाहिए।

ना ही चौखट पर बैठना चाहिए नाखून नहीं काटने चाहिए ना भोजन करने चाहिए और ना ही सोना चाहिए। ऐसा करने से मां भगवती लक्ष्मी नाराज हो जाती है और लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही सूर्यास्त के दौरान ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगती है। आपको ध्यान रखना है कि सूर्यास्त के समय इन चीजों को भूलकर भी नहीं करना है नहीं तो आपके जीवन के तरक्की के ऊपर इसका खूब प्रभाव पड़ता है।

भूलकर भी ना करें सूर्यास्त के बाद यह काम :

बाल, नाखून काटने से बचें

हिंदू शास्त्र धर्म ग्रंथ में नाखून, बाल, दाढ़ी, आदि को भूलकर भी सूर्यास्त के बाद नहीं काटना और बनवाने चाहिए इससे नेगेटिव एनर्जी बढ़ती है और इंसान कर्ज में डूबने लगता है। आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है।

पेड़ पौधे को ना टच करें

पेड़ पौधे को नहीं छूना चाहिए, सूर्यास्त के बाद पेड़ पौधे को भूलकर भी नहीं छूना चाहिए, क्योंकि पेड़ पौधे भी शाम के वक्त आराम करते हैं और ना ही रात के समय पानी देना चाहिए, क्योंकि पेड़ पौधे भी शाम होने पर सो जाते हैं छूने से वह नाराज होते हैं और आपको कष्टों का सामना करना पड़ता है।

कपड़े भूल से भी ना करें साफ़

कपड़े नहीं धोना चाहिए सूर्यास्त के बाद शास्त्रों में कहा गया है कि कपड़ा नहीं धोना चाहिए और कपड़ा सुखाने से भी परहेज करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद नेगेटिव एनर्जी बढ़ती है अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए।

अंतिम संस्कार ना करें

गरुड़ पुराण में कहा गया है कि सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए, नहीं तो व्यक्ति अंधा पैदा होता है या फिर उसे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, हो सकता है कि अगले जन्म में उसके अंग की अंगों में खराबी हो और वह अपाहिज पैदा हो।