क्या होता है कालसर्प दोष ,और क्या है निवारण के उपाय; जानें

ऐसे कई सारे लोग है जो कुंडली और ग्रह नक्षत्र को मानते है और ग्रह दोषों पर भी विश्वास करते हैं वही आपने कई लोगों को कालसर्पदोष के बारे में सुना होगा। ये एक ऐसा दोष होता है। जिसके कारण व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है यह दोष जातक की कुंडली में बनता है ज्योतिष अनुसार कुंडली में कालसर्पदोष का पाया जाना कुछ नया नहीं होता है । अगर देखा जाए तो 70 प्रतिशत लोगों की कुंडली में यह दोष होता है ।
कालसर्प दोष के पाए जाने के अंश कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रहों के आने से पता चलता है क्योंकि जातक की कुंडली के एक घर में राहु और दूसरे घर में केतु के बैठे होने से अन्य ग्रहों से आ रहे शुभ प्रभाव रुक जाते हैं । इन दोनों ग्रहों के बीच में सभी ग्रह फंस जाते हैं और यह जातक के लिए एक बड़ी समस्या बन जाती है इस ग्रह के कारण कुंडली में काल सर्पदोष उत्पन्न होता है यह दोष व्यक्ति के काम में बाधा, नौकरी में रुकावट या परेशानी, विवाह में देरी और धन संबंधित कई तरह की परेशानियों को पैदा करता है ।
कालसर्पदोष निवारण के ज्योतिषशास्त्र में कई उपाय बताए गए है जिसे आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
कालसर्पदोष निवारण उपाय :
आपको बता दें कि कालसर्पदोष कई प्रकार के होते हैं और इन सभी का परिणाम अशुभ माना जाता है ऐसे में इनके निवारण के लिए कुछ उपाय करना लाभकारी होता है अगर आप कालसर्पदोष से ग्रसित है और इससे छुटकारा व शांति चाहते हैं तो नागपंचमी के दिन उपवास जरूर करें ।
इस पवित्र दिन पर शिव का अभिषेक करते हुए चांदी के नाग नागिन का जोड़ा शिवलिंग पर अर्पित करें ऐसा करने से कालसर्पदोष से राहत मिलती है। वही अष्टधातु या कांसे से बने हुए नाग को शिवलिंग पर अर्पित करने से इस दोष से राहत मिलती है। नागपंचमी के दिन रूद्राक्ष की माला से शिव मंत्र "ऊँ नम: शिवाय" का जाप करने से कालसर्पदोष दूर हो जाता है वही श्रावण मास में लगातार 30 दिनों तक शिवलिंग क अभिषेक करना चाहिए।
इससे दोष शांत हो जाता है वही शिव के अंश बटुक भैरव की पूजा करने से भी इस दूर से राहत मिलती है और अशुभ प्रभाव में कमी आती है। hकालसर्पदोष से मुक्ति के लिए रोजाना गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। वही शनिवार के दिन पीपल की जड़ में जल अर्पित करने से भी यह दोष शांत हो जाता है।