मां सिद्धिदात्री के प्रसन्न होने पर भक्तों को प्राप्त जाते हैं सभी सुख

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मां सिद्धिदात्री के प्रसन्न होने पर भक्तों को प्राप्त जाते हैं सभी सुख

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शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मां का ये स्वरूप भक्तों को सिद्धि प्रदान करता है। शारदीय नवरात्रि की नवमी 14 अक्टूबर को पड़ी है। ये नवरात्रि पूजा का आखिरी दिन होता है। इस दिन मां दुर्गा की षोडशोपचार पूजा करने के बाद हवन किया जाता है। कई लोग नवमी के दिन कन्या पूजन भी करते हैं। नवरात्रि की महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है।

नवमी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को रात 8 बजकर 7 मिनट पर हो जाएगी और इसकी समाप्ति 14 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 52 मिनट पर होगी। पंचांग अनुसार नवमी के दिन कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 11.43 बजे से 12. 30 मिनट तक अभिजित मुहूर्त में रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:42 से सुबह 5:31 तक रहेगा। मां सिद्धिदात्री की आराधना से सोमचक्र जागृत हो जाता है और इस चक्र से संबंधित सभी शक्तियां श्रद्धालु को प्राप्त हो जाती है। मां सिद्धिदात्री के प्रसन्न होने पर भक्तों को सभी सुख स्वत: ही प्राप्त हो जाते हैं। साथ ही, इनकी भक्ति से मन की शांति भी मिलती है।