पिता की हत्या के 8 साल बाद बेटी बनी DSP, 24 साल की आयुषी ने पूरा किया पिता का सपना

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पिता की हत्या के 8 साल बाद बेटी बनी DSP, 24 साल की आयुषी ने पूरा किया पिता का सपना

Ayushi

Photo Credit: UPUKLive


उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर की रहने वाली 24 वर्षीय आयुषी की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो मुश्किलों के बीच भी अपने सपनों को हकीकत में बदलने का हौसला रखता है। आठ साल पहले उनके पिता की हत्या ने आयुषी के जीवन को झकझोर दिया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अपने पिता के उस सपने को जीवित रखा, जिसमें वे अपनी बेटी को एक सम्मानित अधिकारी के रूप में देखना चाहते थे। आज आयुषी ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की कठिन परीक्षा पास कर डिप्टी एसपी (DSP) के पद पर चयन हासिल किया है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व का क्षण है।

दुखद अतीत और अटूट संकल्प

आयुषी का बचपन सामान्य था, लेकिन आठ साल पहले एक दुखद घटना ने उनकी जिंदगी बदल दी। उनके पिता की कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या कर दी गई। इस हादसे ने आयुषी और उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। लेकिन आयुषी ने इस दर्द को अपनी ताकत बनाया। वे बताती हैं, “पापा हमेशा कहते थे कि मैं एक दिन बड़ा अधिकारी बनूं। उनकी यह ख्वाहिश मेरे लिए प्रेरणा बनी।” अपने पिता की यादों को सहेजते हुए, आयुषी ने दिन-रात मेहनत की और यूपीपीएससी की तैयारी में जुट गईं। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया, जहां वे आज अपने पिता के सपने को साकार कर रही हैं।

यूपीपीएससी की राह में मेहनत और समर्पण

यूपीपीएससी की परीक्षा को पास करना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए कठिन परिश्रम, अनुशासन और सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है। आयुषी ने अपनी पढ़ाई के दौरान कई रातें बिना सोए बिताईं और हर मुश्किल को पार किया। वे कहती हैं कि उनके परिवार और शिक्षकों का सहयोग उनकी सफलता की नींव बना। आयुषी की इस उपलब्धि ने न केवल उनके शहर में, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में युवाओं के बीच एक नया जोश भरा है। उनकी कहानी यह सिखाती है कि अगर दिल में जुनून और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।

युवाओं के लिए प्रेरणा

आयुषी की कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल है जो जीवन की कठिनाइयों से हार मान लेते हैं। वे कहती हैं, “मुश्किलें हर किसी के जीवन में आती हैं, लेकिन हमें अपने लक्ष्य से भटकना नहीं चाहिए।” आयुषी अब अपने पिता के सपने को आगे बढ़ाते हुए समाज की सेवा करना चाहती हैं। एक डिप्टी एसपी के रूप में, वे न केवल कानून-व्यवस्था को मजबूत करना चाहती हैं, बल्कि युवाओं को प्रेरित करने के लिए भी काम करना चाहती हैं। उनकी यह उपलब्धि हर उस बेटी के लिए गर्व का विषय है, जो अपने पिता के सपनों को हकीकत में बदलना चाहती है।