Railway Track: आखिर क्यों पानी की सुनामी में नहीं डूबते रेलवे ट्रैक? जानिए क्या कहता है विज्ञान

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Railway Track: आखिर क्यों पानी की सुनामी में नहीं डूबते रेलवे ट्रैक? जानिए क्या कहता है विज्ञान

Railway Track


आप के मन में कई बार ऐसे सवाल आते होंगे की आखिर रेलवे पर इत्ने नुकीले पत्थर क्यों बिछाये जाते हैं या फिर रेल की पटरी बारीश में डूबती क्यूँ नहीं? आज हम आप के इन्ही सारे सवालों का जवाब देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इन के पीछे का कारण

क्यों बिछाए जाते हैं रेलवे ट्रैक पर पत्थर?

अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो यह सोचते हैं की रेल की पटरी बस ज़मीन पर सिधे सिधे बिछा दी जाती है तो आप को बता दें कि यह बिलकुल गलत है। रेल की पटरी को अगर आप ध्यान से देखेंगे तो आप देख सकेंगे की इस में बहुत से लयेर्स बने हुए हैं। और यह बिलकुल भी मामूली नहीं है।

किस प्रकार तैयार होता है रेलवे ट्रैक?

रेल्वेपटरी को बनाने के लिए सब से पहले इस के निचे लंबी-लंबी प्‍लेट्स बिछा दी जाती है, जिसे स्‍लीपर कहा जाता है। इस के बाद इन प्लेट्स के निचे छोटी छोटी गिट्टियां बिछा दी जाती हैं। आप को बता दें कि गिट्टी के निचे भी मिट्टी की तो परत रहती है। और इस वजह से रेलवे का ट्रैक ज़मीन से उंची दिखती है और यह सभी चीज़ें ट्रेन के वज़न और बैलेंस को सम्भालने के किये इस्तमाल की जाती हैं।

जानें नुकीले पत्‍थर के पीछे का विज्ञान 

आप शायद सोचते होंगे की रेल पटरी पर छोटे छोटे पत्थर क्यूँ होते हैं? आप को बता दें कि ट्रेन बहुत ही भारी होती है और पटरी पर चलते वक़्त एक कंपन पैदा करती है। और इसी कंपन से पटरी को फैलने से बचाने के लिए इन छोटे पत्थरों का इस्तमाल किया जाता है। यह नुकीले पत्थर कंपन को रोक सकते हैं वहीं अगर गोल पत्थर इस्तमाल किये गए तो वो यह काम नही कर सकेंगे।

आखिर बारिश में भी क्यों नहीं डूबती पटरियां? 

पटरियों पर बिछे इन नुकीले पत्थरों की वजह से ही यहां कोई भी पौधे नही उग पाते और ना ही बारीष के मौसम में ट्रैक पर पानी भरता है। इसी कारण बारीश में पटरियां नहीं डूबती हैं।