वेट लॉस करते करते हो गई ये लड़की इस डिसऑर्डर की शिकार, समय रहते बचाई गई जान

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Trending

वेट लॉस करते करते हो गई ये लड़की इस डिसऑर्डर की शिकार, समय रहते बचाई गई जान

sara


आजकल युवा इंटरनेट पर वजन कम करने के लिए कई तरीके ढूंढते रहते हैं। कुछ तरीके एक्सपोर्ट और डॉक्टर द्वारा अप्रूव्ड होते हैं, लेकिन कई तरीके ऐसे होते हैं जिनसे साइड इफेक्ट होते हैं हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें 24 साल के डॉक्टर ने खुलासा किया है कि उसने वेट कम करने के लिए कुछ ऐसा किया था जिससे उसका वजन मात्र 30 किलो ही बच गया था।

जिसके बाद वह मरने की स्थिति में पहुंच गए थे। आज के समय में लोग वजन कम करने के ऐसे कई तरीके को अपनाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से गलत है। आइए जानते हैं कि यह डॉक्टर कौन है और इसने वजन कम करने के लिए ऐसा क्या किया था जिसके बारे में वह आपको बता रही है कि इसे गलती को दोहराने से बचें।

24 साल की यंग डॉक्टर का नाम सारा राव है जो कि ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न की रहने वाली है। इंस्टाग्राम पर सारा के 1.2 मिलीयन फॉलोअर्स है अर्जुन कपूर और मलाइका अरोड़ा खान भी सारा को फॉलो करते हैं। डेली मेल के अनुसार सारा को एक तरह की ईटिंग डिसऑर्डर था जिसके कारण उन्हें खाना-पीना बहुत कम कर दिया था और उनकी स्थिति लगभग मरने तक पहुंच गई थी।

उस समय सारा की उम्र मात्र 18 साल थी और उनका वजन मात्र 30 किलो रह गया था। सारा को शुरुआत से ही फैशन में काफी इंटरेस्ट था। इसलिए वह मॉडलिंग करना चाहती थी मॉडल बनने के लिए उस पर वजन कम करने का जुनून सवार हो गया था।

इसके लिए उसने अपना ईटिंग हैबिट इतना बदल दिया था कि वह दिन में केवल 300 से 400 कैलोरीज बस ले रही थी और दो-तीन घंटे तक रनिंग करती थी। एक बार जब वह कॉलेज गई तो उसके कॉलेज के प्रोफेसर को उस पर शक हुआ और उसने उसे डॉक्टर के पास भेज दिया। डॉक्टर ने जब उनका वजन किया तो वह मात्र 30 किलो की थी इसके बाद डॉक्टर ने उसे तुरंत इमरजेंसी डिपार्टमेंट भेज दिया था।

ऐसा क्या करती थी सारा

बहुत कम कैलोरी लेती थी सारा अपने वजन को लेकर इतनी कॉन्शियस थी कि वह काफी कम कैलोरी ले रही थी। सारा सुबह के नाश्ते में बिना फैट वाला दही, दोपहर के भोजन में एक प्रोटीन बार और नाइट को डिनर में ब्रोकली खाती थी। इतना कम खाने के कारण सारा का वजन मात्र 30 किलो हो गया था। सारा को हमेशा थकान रहने लगी थी और बैठने पर उसके हड्डियों में दर्द होता और बाल भी झड़ने और टूटने लगे थे।

जिसके बाद जनरल फिजिशियन ने सारा इलाज शुरू किया तो 1 हफ्ते तक उसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। इसके बाद उसे ईटिंग डिसऑर्डर एनोरेक्सिया नर्वोसा था। इस ईटिंग डिसऑर्डर का सबसे ज्यादा शिकार युवा महिलाएं होती है।

अनाज खाने से परहेज करते हैं या फिर खाने में डाइट का पालन करते हैं। इनका डाइटिंग खतरनाक तरीके से हो जाती है। फिर भी उन्हें ऐसा लगता है कि वह ओवरवेट है उन्हें और वजन कम करने की आवश्यकता है।

वजन कम करने के लिए खाने से परहेज करते थे। जब उसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया तो उन्हें चलने फिरने की अनुमति नहीं दी गई थी। उन्हें व्हीलचेयर पर ही बाथरूम जाना पड़ता था। जिससे वह सालों से परहेज कर रही थी जैसे पास्ता फास्ट फूड आदि कैलोरी फूड खाने को दिया गया।