किराए पर मिल रहे हैं 'आशिक', जानिए क्यों महिलाएं कर रही हैं इस ट्रेंड को फॉलो
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आधुनिक युग में रिश्तों की परिभाषा बदल रही है। जापान में एक नया ट्रेंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है - किराए पर बॉयफ्रेंड। जी हां, अब महिलाएं अपनी भावनात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसे देकर लड़कों को किराए पर ले रही हैं। यह अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है और इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।
क्यों पनप रहा है यह ट्रेंड?
जापान में तेज़ी से बढ़ता यह ट्रेंड कई सामाजिक कारणों का परिणाम है। व्यस्त जीवनशैली, करियर पर ध्यान और रिश्तों में समय निवेश करने की अनिच्छा इसके प्रमुख कारण हैं। कई महिलाएं महसूस करती हैं कि उनके पास एक स्थायी रिश्ते के लिए समय या ऊर्जा नहीं है, लेकिन वे भावनात्मक समर्थन और साथ चाहती हैं। यहीं से 'रेंटल बॉयफ्रेंड' की अवधारणा उभरी है।
कैसे काम करता है यह सिस्टम?
इस सेवा के लिए विशेष ऐप्स और वेबसाइट्स हैं जहां महिलाएं अपनी पसंद के लड़के को चुन सकती हैं। वे घंटों के हिसाब से इन लड़कों को किराए पर ले सकती हैं। कीमतें आमतौर पर 2,500 से 12,000 रुपये प्रति घंटे के बीच होती हैं। इसमें डेट्स, इवेंट्स में साथ जाना, या सिर्फ बातचीत करना शामिल हो सकता है।
क्या हैं इसके नियम?
हालांकि यह सेवा भावनात्मक समर्थन प्रदान करती है, लेकिन इसके कुछ सख्त नियम हैं। शारीरिक संबंध पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। किराए के बॉयफ्रेंड को किस करना या अनुचित स्पर्श करना मना है। यह सेवा सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक ही उपलब्ध है, जो महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
कौन लोग ले रहे हैं यह सेवा?
इस सेवा का उपयोग करने वाली महिलाओं की उम्र और पृष्ठभूमि विविध है। कुछ युवा महिलाएं हैं जो डेटिंग का अनुभव चाहती हैं, तो कुछ कामकाजी महिलाएं हैं जो अपने व्यस्त जीवन में थोड़ा सा साथ चाहती हैं। कुछ बुजुर्ग महिलाएं भी इस सेवा का लाभ उठा रही हैं, जो अकेलेपन से जूझ रही हैं।
इसके सामाजिक प्रभाव
यह ट्रेंड जापानी समाज में रिश्तों की बदलती धारणाओं को दर्शाता है। कुछ लोग इसे सामाजिक संबंधों के क्षरण के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और चुनाव का प्रतीक मानते हैं। यह ट्रेंड पारंपरिक जापानी मूल्यों और आधुनिक जीवनशैली के बीच के संघर्ष को भी उजागर करता है।
क्या भारत में भी आएगा यह ट्रेंड?
हालांकि यह ट्रेंड अभी तक मुख्य रूप से जापान तक ही सीमित है, लेकिन भारत जैसे देशों में भी इसकी झलक दिखने लगी है। कुछ शहरों में वैलेंटाइन डे जैसे खास मौकों पर किराए के बॉयफ्रेंड की मांग बढ़ने लगी है। हालांकि, भारतीय संस्कृति और मूल्यों के कारण इस तरह की सेवाओं को व्यापक स्वीकृति मिलने में समय लग सकता है।
इस ट्रेंड के फायदे और नुकसान
जहां यह सेवा कुछ लोगों को तात्कालिक भावनात्मक समर्थन प्रदान करती है, वहीं इसके दीर्घकालिक प्रभावों पर चिंता जताई जा रही है। यह लोगों को वास्तविक, गहरे रिश्तों से दूर कर सकता है। साथ ही, इससे भावनात्मक निर्भरता और आर्थिक शोषण का खतरा भी बढ़ सकता है।