आज के डिजिटल युग में हमारी आंखें सबसे अधिक प्रभावित होने वाले अंगों में से एक हैं। यदि आप अपनी आंखों के चश्मे से परेशान हैं और उसको हमेशा के लिए हटाना चाहते हैं तो अब सिल्क आई सर्जरी से 10 मिनट में आप अपने चश्मे को हटा सकते हैं। यह एक लेटेस्ट तकनीक है, जो जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी द्वारा विकसित की गई है। यह पुराने लेजर ऑपरेशन से कई गुना बेहतर और उन्नत है। देश के प्रमुख नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार, सिल्क टेक्नोलॉजी पुरानी तकनीकों से काफी उन्नत है।
सर्जरी की प्रक्रिया
सर्जरी की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:मरीज को आरामदायक स्थिति में बिठाया जाता है। फिर आंखों को सुन्न करने के लिए विशेष आई ड्रॉप्स का प्रयोग किया जाता है। पलकों को खुला रखने के लिए एक विशेष उपकरण का उपयोग किया जाता है। आंखों की स्थिरता के लिए एक सक्शन रिंग लगाई जाती है। इसके बाद कॉर्निया में लेंटिक्यूल बनाने के लिए लेजर का प्रयोग किया जाता है। सर्जरी के लाभ और रिकवरी
सर्जरी के बाद रिकवरी बहुत तेज होती है - केवल एक दिन के भीतर। इस प्रक्रिया के बाद चश्मा पूरी तरह हट जाता है और मरीज की नजर सामान्य व्यक्ति की तरह हो जाती है। एक निश्चित उम्र तक आपको चश्मे की आवश्यकता नहीं पड़ती। सुरक्षा और सावधानियां
यह सर्जरी पूरी तरह सुरक्षित है। यदि सर्जरी के बाद आंख में चोट लगती है या पानी चला जाता है, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। इस सर्जरी में पुरानी लेजर तकनीक की तुलना में अधिक सुरक्षित और उन्नत तकनीक का प्रयोग किया जाता है। योग्यता और लागत
यह एक अत्याधुनिक तकनीक होने के कारण इसकी लागत थोड़ी अधिक है। दोनों आंखों की सर्जरी के लिए लगभग 1.15 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है। सर्जरी के बाद की स्थिति
सर्जरी के तुरंत बाद मरीज अपने सामान्य कार्यों को शुरू कर सकते हैं। इसके लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं होती। सर्जरी में किसी प्रकार के इंजेक्शन, टांके या ब्लेड का प्रयोग नहीं किया जाता है। यह एक दर्द रहित प्रक्रिया है। विशेष ध्यान देने योग्य बातें
सर्जरी से पहले डॉक्टर मरीज की आंखें टेस्ट करता है। जरूरत पड़ने पर रोगी को सुन्न करने वाली आई ड्रॉप दी जाती है, फिर फेमटोसेकंड लेजर का उपयोग कॉर्निया में एक छोटा चीरा लगाने के लिए किया जाता है। सर्जरी में लगभग 10-15 मिनट का समय लगता है, और मरीज कुछ ही घंटों में सुधार महसूस करने लगते हैं। एनेस्थीसिया के प्रभाव में की जाने वाली यह सर्जरी पूरी तरह से दर्द रहित होती है।