औरंगजेब की हिंदू पत्नी का अनोखा प्रेम: सती होने की इच्छा ने बदल दी इतिहास की धारणा!
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मुगल बादशाह औरंगजेब को इतिहास में हिंदू विरोधी छवि के साथ याद किया जाता है, लेकिन उनके व्यक्तिगत जीवन में एक ऐसा पहलू है जो इस छवि को चुनौती देता है। उनकी दो हिंदू पत्नियों में से एक उदयपुरी के साथ उनका प्रेम इतना गहरा था कि उसने औरंगजेब की मृत्यु के बाद सती होने की इच्छा जताई थी। यह कहानी न केवल उनके व्यक्तित्व को बल्कि उस समय के सामाजिक मूल्यों को भी उजागर करती है।
उदयपुरी का प्रेम और सती होने की इच्छा
उदयपुरी औरंगजेब की दूसरी हिंदू पत्नी थीं, जिन्हें उनके बेटे काम बख्श की मां के रूप में जाना जाता है। इतिहासकारों के अनुसार, उदयपुरी ने औरंगजेब के प्रति गहरा समर्पण दिखाया। उनके बीच का प्रेम इतना अटूट था कि उदयपुरी ने कथित तौर पर कहा था, "अगर औरंगजेब की मृत्यु मेरे पहले हुई, तो मैं सती हो जाऊंगी।" यह बात औरंगजेब ने खुद अपने बेटे काम बख्श को लिखे एक खत में स्वीकार की है। इस पत्र में उन्होंने लिखा, "तुम्हारी मां मेरी बीमारी में मेरे साथ है। वह मेरे साथ ही दूसरी दुनिया में जाने के लिए तैयार है।"
औरंगजेब का उदयपुरी के प्रति प्रेम
उदयपुरी का प्रभाव औरंगजेब के निर्णयों पर भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। उनके बेटे काम बख्श की शराब की लत और शासन में उदासीनता के बावजूद, औरंगजेब ने उदयपुरी के प्रभाव में उसकी गलतियों को माफ किया। यहां तक कि काम बख्श की विद्रोही गतिविधियों के बावजूद, औरंगजेब ने उसे माफ करते रहे। यह उदयपुरी के प्रेम और उसके प्रभाव का ही नतीजा था।
उदयपुरी के हिंदू होने पर विवाद
उदयपुरी के हिंदू होने को लेकर इतिहास में काफी विवाद रहा है। कुछ स्रोतों के अनुसार, वह जॉर्जिया की एक ईसाई दासी थीं, जिसे दारा शिकोह ने खरीदा था। दारा की हत्या के बाद, वह औरंगजेब के पास चली गई। वहीं, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि वह जोधपुर की एक राजपूत महिला थी, जिसे चित्तौड़ के राणा ने पकड़ लिया था, लेकिन औरंगजेब ने उसे सम्मानपूर्वक वापस भेज दिया। यह विवाद उनके व्यक्तित्व को और भी रहस्यमय बनाता है।
औरंगजेब की छवि पर प्रभाव
उदयपुरी की कहानी औरंगजेब की छवि को एक नए दृष्टिकोण से पेश करती है। जहां एक ओर वह हिंदू मंदिरों को तोड़ने के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर उसकी हिंदू पत्नियों के साथ गहरा प्रेम उसके व्यक्तित्व के जटिल पहलुओं को दर्शाता है। यह साबित करता है कि उसकी नीतियों और व्यक्तिगत जीवन में काफी अंतर था।