Chanakya Niti: ये काम करने में स्त्री या पुरुष को कभी नहीं करनी चाहिए शर्म
स्त्री हो या पुरुष लाज-शर्म उनके व्यवहार का गहना माने गए हैं लेकिन जीवन में कुछ काम ऐसे होते हैं जिन्हें करने के लिए बेशर्म होना अनिर्वाय है अन्यथा स्वयं का नुक्सान होता है।
धनधान्यप्रयोगेषु विद्वासंग्रहणे तथा।
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्ज: सुखी भवेत्।।
इस श्लोक में ऐसे तीन कार्यों के बारे में बताया गया है, जिनमें शर्म करना अच्छी बात नहीं है बल्कि बेशर्म होने पर मिलती है सफलता।
पैसों से संबंधित कार्यों में शर्म करने से वित्तीय घाटा सहना पड़ता है। किसी व्यक्ति को उधार दिए रुपयों को वापिस मांगने पर हम शर्म अनुभव करते हैं। जिसके कारण हमें उधार दिया धन वापिस नहीं मिलता। भोजन करते समय शर्म करने वाला व्यक्ति भूखा रहता है। कई लोग अपने सगे-संबंधियों के यहां शर्म के कारण भर पेट भोजन नहीं करते और उन्हें भूखे रहना पड़ता हैं।
जो शिष्य गुरु से कोई प्रश्न पूछते समय शर्म करता है उसे ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो पाती। उत्तम शिष्य शिक्षा प्राप्ति के समय शर्म नहीं करता। इसलिए गुरु से ज्ञान लेते समय शर्म न करें।