Chanakya Niti: आज की अत्यंत आधुनिक दुनिया में भी, लाखों लोग कौटिल्य नीति और उसमें लिखे प्रत्येक शब्द को प्रतिदिन न सिर्फ पढ़ते हैं बल्कि

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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Chanakya Niti: आज की अत्यंत आधुनिक दुनिया में भी, लाखों लोग कौटिल्य नीति और उसमें लिखे प्रत्येक शब्द को प्रतिदिन न सिर्फ पढ़ते हैं बल्कि

Chanakya Niti

Photo Credit: upuklive


Chanakya Niti: आज की अत्यंत आधुनिक दुनिया में भी, लाखों लोग कौटिल्य नीति और उसमें लिखे प्रत्येक शब्द को प्रतिदिन न सिर्फ पढ़ते हैं बल्कि अक्षरशः अपने जीवन में उतारते भी है उसमे लिखे शब्दों से प्रेरित होकर, कई राजनेता, व्यवसायी आज भी चाणक्य उद्धरणों को आधुनिक जीवन में उपयोगी पाते हैं।

आचार्य चाणक्य को हर क्षेत्र में चाहे वो राजनीति हो या व्यापार या फिर धन इतना सटीक ज्ञान था कि लोग आज भी सौ प्रतिशत मानते हैं कि उनके सलाह बहुमूल्य हैं इतने सही है और उपयोगी है आज के दौर में भी की लोग उन पर चलने से पहले दो बार सोचने की जरूरत भी नहीं समझते है ।

आचार्य चाणक्य के जिस ज्ञान की बात आज हम करेंगे उस ज्ञान को नैतिकता के नाम से जाना जाता है। चाणक्य नीति आपको जीवन में कुछ भी हासिल करने में मदद करती है, चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हों।इसमें आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में महिलाओं की इच्छा का उल्लेख किया है

आचार्य चाणक्य ने स्त्री और पुरुष की तुलना करके अपने विचार व्यक्त किए हैं। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में दोगुनी भूख होती है।चाणक्य नीति मूल रूप से संस्कृत में लिखी गई थी, जिसे बाद में अंग्रेजी और कई अन्य भाषाओं के साथ-साथ हिंदी में भी अनुवादित किया गया।

अगर कोई मनुष्य चाणक्य नीति को पूरा पढ़ेगा और उसका पालन करेगा तो उस को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।आचार्य चाणक्य ने भी अपनी राजनीतिक पुस्तकों में महिलाओं के विशेष लक्षणों का वर्णन किया है,

जिन्हें महिलाएं हमेशा अपनी चेतना में रखती हैं।चाणक्य अपनी राजनीति में महिलाओं को पुरुषों के बराबर मानते हैं और अपने विचार व्यक्त करते हैं।

इस राजनीति में आचार्य चाणक्य ने नारी की भूख, लज्जा, अर्थ, लज्जा, साहस और वासना का वर्णन किया है। आचार्य चाणक्य के उपरोक्त श्लोक के अनुसार नारी शक्ति का वर्णन किया गया है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार महिलाओं को पुरुषों की तुलना में दोगुनी भूख लगती है।आज की लाइफस्टाइल में काम से महिलाओं की डाइट तो बाधित होती है, लेकिन वे अपनी भूख को कंट्रोल में रखती हैं।

आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाओं में शर्मिंदगी चार गुना अधिक होती है। महिलाओं को इस कदर शर्मिंदगी उठानी पड़ती है कि वो अक्सर कुछ भी कहने की सोचती हैं।

चाणक्य नीति के अनुसार महिलाएं शुरू से ही साहसी होती हैं। वहीं महिलाएं भी पुरुषों की तुलना में छह गुना बहादुर होती हैं।इसलिए नारी को शक्ति की प्रतिमूर्ति के रूप में भी देखा जाता है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक कामेच्छा आचार्य चाणक्य के अनुसार महिलाओं में भी काम की इच्छा पुरुषों के मुकाबले आठ गुना ज्यादा होती है, लेकिन उनमें शर्म और सहनशीलता बहुत होती है।

इसलिए कोई भी महिला इसका खुलासा नहीं करतीं महिलाओं को अपने संस्कारों का भी ध्यान रहता है इसीलिए भी वे मौन रहना पसंद करती हैं।