शमी के रमज़ान के दौरान पानी पीने पर मचा बवाल, इंजमाम ने बताया पाकिस्तानी टीम रमजान में क्या करती है

भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार विवाद का कारण दुबई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल मैच के दौरान रमजान के पवित्र महीने में तरल पदार्थ लेना है। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने शमी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुस्लिम खिलाड़ियों को रमजान के दौरान रोजा रखना चाहिए और खेल के दौरान भी इसका पालन करना संभव है।
इंजमाम ने अपने बयान में कहा, "मैंने देखा कि शमी मैच के दौरान पानी पी रहे थे। रमजान एक पवित्र महीना है और हर मुसलमान का फर्ज है कि वह इस महीने में रोजा रखे। हमारे समय में पाकिस्तानी टीम के सभी मुस्लिम खिलाड़ी रोजा रखते थे, चाहे वे कितने भी बड़े मैच में क्यों न खेल रहे हों।"
शमी, जो नवंबर 2023 से चोट के कारण क्रिकेट से दूर थे, हाल ही में टीम इंडिया में वापसी कर चुके हैं। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में उनका प्रदर्शन अब तक शानदार रहा है, लेकिन अब उनके धार्मिक मान्यताओं को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
पाकिस्तानी क्रिकेटरों का रमजान के दौरान अनुशासन
इंजमाम उल हक ने आगे बताया कि पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में रमजान के दौरान कैसा अनुशासन होता था। उन्होंने कहा, "हमारे समय में, चाहे हम विश्व कप खेल रहे हों या कोई अन्य महत्वपूर्ण टूर्नामेंट, हम सभी रोजा रखते थे। सहरी के लिए हम सुबह जल्दी उठते थे और इफ्तार के समय तक कुछ नहीं खाते-पीते थे। यह हमारे लिए एक आध्यात्मिक अनुभव था और इससे हमारा प्रदर्शन कभी प्रभावित नहीं हुआ।"
पाकिस्तान में 2 मार्च, 2025 से रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है। इस दौरान मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी खाने-पीने से परहेज करते हैं। पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने भी इस पवित्र महीने के दौरान पहली बार इंटर-कॉलेज रमजान T20 कप की शुरुआत की है, जिसमें लाहौर, कराची और इस्लामाबाद के 30 कॉलेजों की टीमें भाग ले रही हैं।
शमी का पिछला बयान: पाकिस्तानियों पर लगाए थे आरोप
यह पहली बार नहीं है जब शमी और पाकिस्तानी क्रिकेट विशेषज्ञों के बीच विवाद हुआ है। पिछले साल जुलाई में, शमी ने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटरों और विशेषज्ञों पर हमला बोला था, जिन्होंने भारतीय खिलाड़ियों पर ODI विश्व कप 2023 और T20 विश्व कप 2024 के मैचों के दौरान गेंद से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था।
शमी ने कहा था, "पाकिस्तानी कभी भी हमसे खुश नहीं थे और कभी नहीं होंगे। किसी ने कहा कि हमें अलग गेंद दी जा रही थी, और किसी ने कहा कि गेंद में चिप थी। अगर आपके गेंदबाज स्विंग और रिवर्स स्विंग करते हैं, तो यह कौशल है; अगर हम करते हैं, तो हम गेंद से छेड़छाड़ कर रहे हैं और गेंद में चिप लगा रहे हैं।"
शमी ने आगे कहा था, "अभी फिर और आया है। एक नमूना और खोद के दिया है इन्होंने कि वो अरशदीप ने रिवर्स कैसे करा दी। और वो (इंजमाम-उल-हक) भाई ज्ञान दे रहे हैं कि आपने बॉल के साथ कुछ किया है, निगाह रखी है। वो लोग सिखा रहे हैं कि बॉल से छेड़-छाड़ ना करी जाए।"
रमजान के दौरान खेल: धर्म और क्रिकेट का संतुलन
रमजान के दौरान खेलों में भाग लेने वाले मुस्लिम खिलाड़ियों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय होता है। कई खिलाड़ी अपने धार्मिक कर्तव्यों और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं। कुछ खिलाड़ी रोजा रखते हैं, जबकि अन्य अपनी शारीरिक स्थिति और प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए इसे टाल देते हैं।
रमजान 2025 के दौरान, रोजा रखने वालों के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं। सुबह के समय (सहरी) संतुलित भोजन करना, जिसमें जटिल कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर शामिल हों, और इफ्तार (रोजा तोड़ने) के समय खजूर, फल या हल्के सूप से शुरुआत करना महत्वपूर्ण है। इफ्तार और सहरी के बीच पर्याप्त पानी पीना भी निर्जलीकरण को रोकने के लिए आवश्यक है।
क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया
शमी के विवाद पर क्रिकेट जगत से मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज और वर्तमान कोच जेसन गिलेस्पी ने पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज आकिब जावेद को "जोकर" कहकर इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की है।
भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों ने भी सोशल मीडिया पर शमी का समर्थन किया है, यह तर्क देते हुए कि धार्मिक मान्यताएं व्यक्तिगत होती हैं और किसी को भी अपने धर्म का पालन करने के तरीके पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।
निष्कर्ष: धर्म और खेल का सम्मान
अंत में, यह कहा जा सकता है कि हर खिलाड़ी को अपने धार्मिक विश्वासों और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने का अधिकार है। मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ियों पर उनके व्यक्तिगत धार्मिक निर्णयों के लिए सवाल उठाना उचित नहीं है। क्रिकेट एक खेल है जो विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और विश्वासों के लोगों को एक साथ लाता है, और इस भावना का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।