मुस्लिम महिला से ट्रक ड्राइवर तक: राबिया यासीन का सफर जो बदल देगा आपकी सोच!

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मुस्लिम महिला से ट्रक ड्राइवर तक: राबिया यासीन का सफर जो बदल देगा आपकी सोच!

Rabia Yaseen

Photo Credit: UPUKLive


36 वर्षीय राबिया यासीन ने कश्मीर की सड़कों पर एक नई इबारत लिख दी है। वह कश्मीर की पहली महिला ट्रक ड्राइवर बनकर समाज की पुरानी मान्यताओं को तोड़ दिया है। यह सफर आसान नहीं था, लेकिन राबिया ने अपने हौसले और जज्बे से हर मुश्किल को पार किया। उनकी कहानी न केवल कश्मीर, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।

संघर्ष की शुरुआत: पति के साथ मिलकर सीखा ड्राइविंग

राबिया का यह सफर उनके पति मुहम्मद इम्तियाज के साथ शुरू हुआ। इम्तियाज खुद एक ट्रक ड्राइवर हैं और पिछले 7 सालों से दोनों एक साथ हैं। राबिया ने अपने पति से ड्राइविंग सीखी और धीरे-धीरे ट्रक चलाने की कला में महारत हासिल की। शुरुआत में समाज ने उनका विरोध किया, लेकिन राबिया ने हार नहीं मानी। उन्होंने साबित किया कि कोई भी काम मर्दों का ही नहीं हो सकता।

समाज की बंदिशों को तोड़ते हुए आगे बढ़ा कदम

कश्मीर में ट्रक ड्राइवर बनना एक मर्दाना पेशा माना जाता है। राबिया को इस सोच को बदलने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। लोगों ने उनका मजाक उड़ाया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। राबिया कहती हैं, "लोग कहते थे कि यह काम औरतों के लिए नहीं है, लेकिन मैंने सोचा कि अगर मर्द कर सकते हैं तो औरतें क्यों नहीं?" उनकी यह सोच ही उनकी ताकत बन गई।

शादीशुदा जिंदगी में ड्राइवर बनने का फैसला

राबिया शादीशुदा होने के बावजूद इस पेशे में आगे बढ़ीं। उनके पति ने हमेशा उनका साथ दिया। इम्तियाज कहते हैं, "राबिया का जज्बा देखकर मुझे लगा कि वह इस काम को कर सकती है। मैंने उसकी मदद की और अब वह एक पूरी तरह से ट्रक ड्राइवर बन गई है।" यह संयुक्त प्रयास ही उनकी सफलता का राज है।

कश्मीर की सड़कों पर नई पहचान

राबिया अब कश्मीर की सड़कों पर ट्रक चलाती हैं और अपने पति के साथ मिलकर काम करती हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व की बात है। लोग अब उन्हें "कश्मीर की लक्ष्मी" कहने लगे हैं। राबिया की कहानी यह साबित करती है कि अगर इरादा मजबूत हो तो कोई भी सपना सच हो सकता है।

मुस्लिम महिला के रूप में चुनौतियों का सामना

राबिया एक मुस्लिम महिला होने के नाते दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। समाज में महिलाओं के लिए पुरुषों के पेशे में आने की सोच को बदलना मुश्किल था। लेकिन राबिया ने अपने धर्म और संस्कृति के बीच संतुलन बनाया। वह कहती हैं, "मेरा धर्म मुझे कभी भी पीछे नहीं धकेलता, बल्कि वह मुझे मजबूत बनाता है।"

प्रेरणा का स्रोत बनीं राबिया

राबिया की कहानी अब देशभर में चर्चा का विषय बन गई है। युवा लड़कियां और महिलाएं उनसे प्रेरित हो रही हैं। एक स्थानीय लड़की ने कहा, "राबिया दिखाती हैं कि अगर हम चाहें तो कोई भी काम कर सकते हैं। उनकी हिम्मत ने मुझे भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया।"

भविष्य की योजनाएं

राबिया अब दूसरी महिलाओं को भी इस पेशे में आने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं। वह कहती हैं, "मैं चाहती हूं कि और भी महिलाएं ट्रक ड्राइवर बनें और समाज की सोच को बदलें। मैं उनकी मदद करने के लिए एक ट्रेनिंग सेंटर खोलने की योजना बना रही हूं।"