IAS Success Story: खूबसूरत महिला अफसर की इस जिद ने बना दिया इनको IAS, पढ़िए पूरा किस्सा

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IAS Success Story: खूबसूरत महिला अफसर की इस जिद ने बना दिया इनको IAS, पढ़िए पूरा किस्सा

IPS Garima Agrawal


गरिमा ने अपनी स्कूली शिक्षा खरगोन के सरस्वती विद्या मंदिर से की. वह बचपन से ही बुद्धिमान और होशियार थीं. उनकी बड़ी बहन प्रीति अग्रवाल ने भी 2013 में भारतीय डाक सेवा की परीक्षा पास की.

गरिमा ने स्कूली जीवन से लेकर यूपीएससी सिविल सेवा तक हर क्षेत्र में सफलता हासिल की है. UPSC सिविल सेवा परीक्षा में बैठने से पहले गरिमा ने IIT हैदराबाद से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की.

इसके बाद उन्होंने जर्मनी में इंटर्नशिप की. गरिमा ने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 240वीं रैंक हासिल की. हालांकि, वह संतुष्ट नहीं थीं और फिर से तैयारी करने लगीं.

अपने दूसरे प्रयास में, उन्होंने 40 वीं रैंक हासिल की और साल 2018 में आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा किया. उन्होंने 2019-2020 में एलबीएस अकादमी, मसूरी में अपना प्रशिक्षण पूरा किया.

गरिमा ने अपनी सफलता का मंत्र बताते हुए यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को कई अमूल्य टिप्स दिए. गरिमा के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू की तैयारी एक साथ की जानी चाहिए न कि अलग-अलग.

गरिमा के मुताबिक, यूपीएससी प्री और मेन परीक्षा में एक जैसे सवाल आ सकते हैं. इसलिए रिवीजन जरूरी है. केवल किताबें इक्ठ्ठा करने से ही सफलता नहीं मिलती है, बल्कि उसका अध्ययन करना पड़ता है. मॉक टेस्ट देने चाहिए. इसके साथ ही उत्तर लिखने का अभ्यास कर स्पीड बढ़ाएं.

गरिमा के मुताबिक सबसे पहले प्री-एग्जाम को टारगेट किया जाना चाहिए, हालांकि, दोनों परीक्षाओं की तैयारी एक साथ करनी चाहिए, क्योंकि बाद में मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए समय नहीं मिलेगा, लेकिन ध्यान प्री पर होना चाहिए.

मॉक टेस्ट के माध्यम से अपने रिवीजन को चेक करते रहें. कोर्स मेटेरियल इंटरनेट पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. एक इंटरव्यू में गरिमा ने कहा, "मैं खुद उन विषयों में अलग से प्रैक्टिस करती थी जिनमें मुझे कम अंक मिलते थे."

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को टिप्स देते हुए आईएएस गरिमा ने कहा कि इस परीक्षा को पास करने के लिए सबसे जरूरी चीज है 'धैर्य और निरंतरता. उन लोगों के संपर्क में रहें जिनसे आपको प्रेरणा और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.

नकारात्मक विचारों वाले लोगों से दूर रहना ही बेहतर है. असफलता या सफलता दोनों ही हमारे दिमाग में होती है अगर हम ठान लें तो कुछ भी हासिल कर सकते हैं.