बिना कोचिंग के IAS, चंद्रज्योति की AIR 28 की कहानी उड़ा देगी होश!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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बिना कोचिंग के IAS, चंद्रज्योति की AIR 28 की कहानी उड़ा देगी होश!

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Photo Credit: UPUKLive


संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल लाखों युवा इस सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि बिना कोचिंग के इस परीक्षा को पास करना लगभग नामुमकिन है। लेकिन चंद्रज्योति सिंह ने इस सोच को गलत साबित कर दिखाया। उन्होंने न सिर्फ बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा पास की, बल्कि अपने पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 28 हासिल कर आईएएस बनने का गौरव प्राप्त किया। उनकी यह उपलब्धि हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो इस मुश्किल राह पर चलना चाहता है। उनकी रणनीति, स्टडी प्लान और खास ट्रिक्स को जानकर हर यूपीएससी उम्मीदवार अपने सपने को सच करने की राह पर आगे बढ़ सकता है।

चंद्रज्योति सिंह की प्रेरणादायक शुरुआत

चंद्रज्योति सिंह की कहानी किसी आम लड़की की तरह शुरू हुई, लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने इसे खास बना दिया। वह राजस्थान के एक छोटे से शहर से आती हैं, जहां कोचिंग की सुविधाएं आसानी से उपलब्ध नहीं थीं। फिर भी, उन्होंने हार नहीं मानी और अपने दम पर पढ़ाई शुरू की। चंद्रज्योति ने तय किया कि वह कोचिंग पर निर्भर नहीं रहेंगी। इसके बजाय, उन्होंने किताबों, इंटरनेट और अपनी समझ को अपना हथियार बनाया। उनका मानना था कि सही दिशा में मेहनत और आत्मविश्वास किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए काफी है। पहले प्रयास में सफलता पाना उनके लिए सपने जैसा था, लेकिन उनकी तैयारी ने इसे सच कर दिखाया।

स्मार्ट स्टडी प्लान का कमाल

चंद्रज्योति की सफलता का सबसे बड़ा राज था उनका स्मार्ट स्टडी प्लान। उन्होंने अपनी पढ़ाई को बहुत सोच-समझकर व्यवस्थित किया। सबसे पहले, उन्होंने यूपीएससी के सिलेबस को अच्छे से समझा और उसे छोटे-छोटे हिस्सों में बांट लिया। हर दिन के लिए एक निश्चित लक्ष्य तय किया जाता था, जिसे वह पूरा करने की कोशिश करती थीं। सुबह के समय वह इतिहास और भूगोल जैसे विषयों को पढ़ती थीं, क्योंकि उस वक्त उनका दिमाग ताजा रहता था। दोपहर में सामान्य ज्ञान और करेंट अफेयर्स पर ध्यान देती थीं। रात को वह नोट्स बनाने और पिछले दिन की पढ़ाई को दोहराने में समय बिताती थीं। इस तरह, उन्होंने हर विषय को बराबर समय दिया और किसी भी हिस्से को छूटने नहीं दिया। उनका यह प्लान इतना आसान और प्रभावी था कि इसे कोई भी अपनाकर अपनी पढ़ाई को बेहतर बना सकता है।

किताबों और संसाधनों का सही इस्तेमाल

चंद्रज्योति ने कोचिंग की जगह किताबों को अपना गुरु बनाया। उन्होंने कुछ चुनिंदा किताबों को बार-बार पढ़ा, ताकि हर जानकारी अच्छे से समझ में आ जाए। एनसीईआरटी की किताबें उनकी तैयारी का आधार थीं। इसके अलावा, उन्होंने अखबारों से रोजाना करेंट अफेयर्स की जानकारी ली। द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस जैसे अखबार उनके लिए बहुत मददगार साबित हुए। इंटरनेट का भी उन्होंने भरपूर इस्तेमाल किया। ऑनलाइन उपलब्ध लेक्चर और नोट्स से वह मुश्किल टॉपिक्स को समझती थीं। लेकिन वह हर चीज को पढ़ने की बजाय सिर्फ जरूरी और विश्वसनीय सामग्री पर ध्यान देती थीं। उनका मानना था कि बहुत सारी किताबें पढ़ने से दिमाग भटक सकता है, इसलिए कम लेकिन सही संसाधनों पर भरोसा करना चाहिए।

समय का सही प्रबंधन

यूपीएससी की तैयारी में समय का सही इस्तेमाल बहुत मायने रखता है, और चंद्रज्योति ने इसमें महारत हासिल की थी। वह हर दिन 10-12 घंटे पढ़ाई करती थीं, लेकिन इसे थकाने वाला नहीं बनने देती थीं। हर दो घंटे बाद वह छोटा ब्रेक लेती थीं, जिसमें चाय पीती थीं या थोड़ा टहल लेती थीं। इससे उनका मन ताजा रहता था और पढ़ाई में ध्यान बना रहता था। वह रात को जल्दी सोने की कोशिश करती थीं, ताकि सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई शुरू कर सकें। परीक्षा के करीब आते ही उन्होंने मॉक टेस्ट देने शुरू कर दिए। इन टेस्ट से उन्हें अपनी कमजोरियों का पता चलता था और समय के साथ उनकी रफ्तार भी बढ़ती गई। समय का यह सही प्रबंधन उनकी सफलता की एक बड़ी वजह बना।

खास ट्रिक्स जो बनीं मददगार

चंद्रज्योति की तैयारी में कुछ खास ट्रिक्स थीं, जो हर यूपीएससी उम्मीदवार के लिए फायदेमंद हो सकती हैं। पहली ट्रिक थी नोट्स बनाना। वह हर टॉपिक को छोटे-छोटे नोट्स में लिखती थीं, ताकि आखिरी समय में दोहराना आसान हो। दूसरी ट्रिक थी पिछले सालों के सवालों को हल करना। इससे उन्हें परीक्षा का पैटर्न समझ में आया और आत्मविश्वास बढ़ा। तीसरी ट्रिक थी सकारात्मक सोच। वह कभी हताश नहीं होती थीं और हमेशा खुद पर भरोसा रखती थीं। अगर कोई टॉपिक मुश्किल लगता, तो उसे बार-बार पढ़ती थीं, जब तक वह समझ में न आ जाए। ये छोटी-छोटी बातें उनकी तैयारी को मजबूत करती गईं और उन्हें AIR 28 तक पहुंचाने में मदद की।

आत्मविश्वास और मेहनत का नतीजा

चंद्रज्योति की इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत और आत्मविश्वास का बहुत बड़ा हाथ था। उन्होंने कभी यह नहीं सोचा कि कोचिंग के बिना वह कमजोर हैं। बल्कि, उन्होंने अपनी कमियों को अपनी ताकत बनाया। वह कहती हैं कि यूपीएससी की तैयारी के लिए सबसे जरूरी है खुद पर भरोसा और सही दिशा में मेहनत। उनकी यह कहानी हर उस युवा को प्रेरित करती है, जो कोचिंग के बिना इस परीक्षा की तैयारी करना चाहता है। उनका मानना है कि अगर आपके पास सही रणनीति और लगन है, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है। AIR 28 हासिल करना उनके लिए सिर्फ एक रैंक नहीं, बल्कि उनकी मेहनत का इनाम था। अब वह देश की सेवा करने के लिए तैयार हैं और अपने अनुभव से दूसरों को प्रेरित कर रही हैं।