पंजाब, जिसे पाँच नदियों की धरती कहा जाता है, आज एक अदृश्य नदी के साये में डूबा हुआ है – नशे की नदी। सालों से यह राज्य नशीले पदार्थों के गहरे संकट से जूझ रहा है। सत्ता पर काबिज होने वाली हर पार्टी ने इस समस्या को जड़ से मिटाने का दावा किया, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनावों के दौरान वादा किया था कि वह तीन महीने में पंजाब को नशामुक्त कर देगी। दो साल बीत जाने के बाद भी यह समस्या और विकराल होती जा रही है।
2022 में सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नशे के खिलाफ 'युद्ध स्तर' पर काम शुरू करने का ऐलान किया था। पुलिस अभियानों के नाम पर हज़ारों एफआईआर दर्ज की गईं, ड्रोन तकनीक से नशा तस्करी रोकने की बात हुई, और सीमावर्ती इलाकों में ग्रामीण समितियों को सक्रिय किया गया। लेकिन हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट ने इन सभी दावों की पोल खोलकर रख दी है। यह रिपोर्ट नशे की गिरफ्त में आकर वेश्यावृत्ति तक पहुँच चुकी महिलाओं की दर्दभरी कहानियों से भरी हुई है।
अनाज मंडी से उठी चीख: "बस नशा चाहिए, बाकी सब बर्दाश्त है"
इस रिपोर्ट का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा एक युवती की गवाही है, जिसने बताया कि कैसे नशे की लत ने उसे इंसानियत के दलदल में धकेल दिया। इन खबर की रिपोर्ट के अनुसार, लुधियाना की एक सड़क किनारे खाना खाती मिली इस लड़की ने बताया, "मुझे सिर्फ छह कैप्सूल चाहिए। उसके बाद चाहे जो कर लें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।" उसकी आँखों में नशे की धुंध और आवाज़ में बेबसी साफ झलक रही थी।उसने बताया कि एक महिला ने पहले उसे नशे की लत लगवाई, फिर उसी के इशारे पर उसे अनाज मंडी के पास तंबुओं में बैठा दिया गया। यहाँ आने वाले मर्द उसके साथ संबंध बनाते हैं और बदले में 300 रुपये दे जाते हैं। इसमें से आधे पैसे तो वह महिला ले लेती है, बाकी से लड़की नशे के लिए कैप्सूल खरीदती है। "भूख लगने पर मुझे थाली में परोस दिया जाता है," यह कहते हुए उसकी आवाज़ काँप गई। नशे का जाल: परिवार से लेकर समाज तक
यह कोई अकेली कहानी नहीं है। पंजाब के गाँवों से लेकर शहरों तक, नशे ने पूरे परिवारों को तबाह कर दिया है। कुछ मामलों में तो पति-पत्नी दोनों ही नशेड़ी होते हैं, जो एक-दूसरे को ड्रग्स दिलाने में मदद करते हैं। किशोर उम्र की लड़कियाँ सेक्स वर्क के जरिए नशे का पैसा जुटा रही हैं, तो माँएँ अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए इस धंधे में उतर रही हैं।