महाकुंभ भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जो हर 12 साल में आयोजित होता है। इस पवित्र स्थल पर करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि आर्थिक गतिविधियों का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। प्रयागराज में इस वर्ष का महाकुंभ 45 दिनों तक चलेगा, जिसमें लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार, इस महाकुंभ से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की संभावना है।
इस बीच, एक युवक की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसने बिना किसी शुरुआती पूंजी के हर दिन हजारों रुपये कमाने का तरीका ढूंढ लिया. दिलचस्प बात यह है कि यह सब उसकी गर्लफ्रेंड की दी गई सलाह की बदौलत संभव हुआ.
गर्लफ्रेंड ने दी थी अनोखी सलाह
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में युवक ने बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड ने उसे महाकुंभ में दातुन बेचने का सुझाव दिया था. पहले तो उसे यह विचार अजीब लगा, लेकिन जब उसने इसे आजमाया, तो नतीजे चौंकाने वाले निकले. युवक ने बताया, ''मैं रोजाना 9-10 हजार रुपये कमा रहा हूं. सिर्फ पांच दिनों में मैंने 30-40 हजार रुपये कमा लिए हैं. अगर मैं मेहनत और बढ़ा दूं, तो यह कमाई और भी ज्यादा हो सकती है.'' इस वीडियो को देखने के बाद लोग कहने लगे कि कुंभ मेला खत्म होते-होते यह युवक लखपति बन जाएगा .
महाकुंभ में लाखों लोगों के आगमन से होटल, धर्मशालाएं और टेंट जैसी आवास सुविधाओं की भारी मांग रहती है। इसके अतिरिक्त, भीड़ के कारण परिवहन सेवाओं की भी अत्यधिक आवश्यकता होती है, जिसमें प्राइवेट टैक्सी, बस, या नाव जैसी सेवाएं शामिल हैं।1
पूजा सामग्री, रुद्राक्ष माला, गंगाजल और अन्य धार्मिक वस्तुओं की मांग महाकुंभ के दौरान चरम पर होती है। साथ ही, पर्यटक स्मृति चिह्न और स्थानीय हस्तशिल्प खरीदना पसंद करते हैं। हस्तशिल्प या स्थानीय उत्पादों की बिक्री में निश्चित वृद्धि देखी जाती है।1
महाकुंभ में लोग आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं की भी तलाश करते हैं। योग, आयुर्वेदिक उत्पाद, और स्वास्थ्य जांच जैसी सेवाएं प्रदान करना लाभदायक व्यवसाय साबित हो सकता है।1
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य के अधिकारियों का अनुमान है कि महाकुंभ 2025 से सरकारी राजस्व में 25,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है। इस आयोजन से स्थानीय स्वयं सहायता समूहों, कारीगरों, होटल व्यवसायियों, रेस्तरां संचालकों और खाद्य विक्रेताओं को बंपर कमाई होने की उम्मीद है।
दुकानों का किराया और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा
प्रयागराज के कुंभ क्षेत्र में जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं। मेला क्षेत्र में 30×30 फीट की एक दुकान का सालाना किराया 92 लाख रुपए तक पहुंच चुका है। यह किराया कचौड़ी की एक दुकान के लिए तय किया गया है। वहीं, बगल में स्थित लड्डू की दुकान का किराया 75 लाख रुपए है।
महाकुंभ का विस्तार और भविष्य
इस बार महाकुंभ का आयोजन 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जा रहा है। पहली बार 13 किलोमीटर लंबा रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है। कुंभ क्षेत्र में जमीन को समतल किया जा रहा है और गंगा पर पांटून पुल बनाए जा रहे हैं। तैयारियों का स्तर यह बताता है कि इस बार का कुंभ आयोजन दिव्य के साथ भव्य भी होगा।