Pradeep Singh : पेट्रोल पम्प पर काम करने वाले का बेटा बना आईएएस, कोचिंग के लिए पिता ने बेच दिया था घर
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कहतें हैं कि मेहनत करने वालों की हार नहीं होती। मुश्किलों के बाद भी अपना रास्ता बना लेते हैं और सफलता की सिढ़ी चढ़ते हैं। आज हम आपको ऐसे ही आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी संघर्ष की कहानी सबसे हटकर और प्रेरणादायक है।
आज हम बात कर रहे हैं ऑल इंडिया रैंक 26 को प्रदीप सिंह की जिन्होंने मेहनत और लगन करके अपना आईएएस बनने का सपना साकार किया है।
प्रदीप का मानना है कि आईएएस अधिकारी बनने के लिए उन्होंने जो संघर्ष की व उनके माता-पिता के बलिदान के सामने कुछ भी नहीं है 1996 में बिहार के गोपालगंज जिले में जन्म लेने वाले प्रदीप का परिवार इंदौर आ गया।
यहां से की थी पढ़ाई
प्रदीप ने अपने स्कूल शिक्षा इंदौर और बीकॉम की डिग्री भी इंदौर से ही हासिल की मिडिल क्लास फैमिली से संबंध रखने वाले प्रदीप के पिता एक पेट्रोल पंप पर काम करते थे और उनकी मां एक हाउसवाइफ है।
प्रदीप ने ग्रेजुएशन करने के बाद यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया लेकिन सीमित संसाधनों की वजह से कोचिंग के लिए दिल्ली जाना प्रदीप को मुश्किल लगता था
लेकिन एक सहायक पिता होने के नाते प्रदीप के पिता को अपने बेटे पर विश्वास था और उनकी पढ़ाई में मदद करने के लिए उन्होंने प्रदीप को आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजने के लिए अपना घर बेच दिया।
पिता ने बेच दी थी जमीन
पढ़ाई और दिल्ली और साथ ही अन्य दूसरे खर्चों को पूरा करने के लिए प्रदीप के पिता ने अपने गांव की पुश्तैनी जमीन को भी भेज दिया।
प्रदीप ने मेहनत से पढ़ाई की और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2018 में पास किया और मेरिट लिस्ट के मुताबिक आईएएस अधिकारी बनने के लिए उन्हें चुना गया।