200 कंपनियों का क्रांतिकारी फैसला: 4 दिन काम, 3 दिन आराम का नया दौर!

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200 कंपनियों का क्रांतिकारी फैसला: 4 दिन काम, 3 दिन आराम का नया दौर!

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Photo Credit: UPUKLive


कार्य संस्कृति में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। जहां एक ओर भारत और विश्व के कुछ हिस्सों में सप्ताह में 70-90 घंटे काम करने की चर्चा चल रही है, वहीं यूनाइटेड किंगडम की 200 प्रमुख कंपनियों ने एक अभूतपूर्व निर्णय लिया है। ये कंपनियां अपने कर्मचारियों को सप्ताह में तीन दिन की छुट्टी प्रदान करेंगी, वो भी बिना किसी वेतन कटौती के।

कंपनियों का विश्लेषण

इस नवीन कार्य संस्कृति को अपनाने वाली कंपनियों में विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व है। कुल 5,000 से अधिक कर्मचारियों वाली इन कंपनियों में सर्वाधिक संख्या परोपकारी संस्थाओं, विपणन और प्रौद्योगिकी फर्मों की है। मार्केटिंग, मीडिया और विज्ञापन क्षेत्र की 30 कंपनियां, 29 चैरिटी संस्थाएं, 24 टेक्नोलॉजी कंपनियां और 22 प्रबंधन क्षेत्र की कंपनियां इस नई व्यवस्था को अपना रही हैं।

पारंपरिक बनाम नवीन कार्य संस्कृति

पाँच दिवसीय कार्य सप्ताह एक ऐसे युग की देन है जब कर्मचारियों पर वर्तमान जैसा तनाव नहीं था और कार्यस्थल तक पहुंचने में भी कम समय लगता था। चार दिवसीय कार्य सप्ताह के समर्थकों का मानना है कि यह व्यवस्था कर्मचारियों के जीवन में संतुलन लाएगी। इससे न केवल उनका पारिवारिक जीवन सुधरेगा बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।

कार्यक्षमता और उत्पादकता

फाउंडेशन के अभियान निदेशक जो राइल के अनुसार, 50% अधिक अवकाश समय कर्मचारियों को बेहतर विश्राम और पारिवारिक समय प्रदान करेगा। यह व्यवस्था कर्मचारियों और कंपनी दोनों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। कर्मचारियों की बढ़ी हुई कार्यक्षमता और उत्साह से कंपनियों की उत्पादकता में भी वृद्धि होने की संभावना है।

भविष्य की कार्य संस्कृति

स्पार्क मार्केट रिसर्च के एक अध्ययन के अनुसार, यूके में 18 से 34 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 78% लोगों का मानना है कि आगामी पांच वर्षों में चार दिवसीय कार्य सप्ताह एक सामान्य प्रथा बन जाएगी। हालांकि, अमेज़न और जेपी मॉर्गन चेस जैसी दिग्गज कंपनियां अभी भी पारंपरिक पांच दिवसीय कार्य सप्ताह पर कायम हैं।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य

जहां यूके की कंपनियां कम कार्य दिवस की ओर बढ़ रही हैं, वहीं भारत में 90 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की बहस छिड़ी हुई है। यह विरोधाभास वैश्विक कार्य संस्कृति में मौजूद विभिन्नताओं को दर्शाता है। यह परिवर्तन न केवल कार्य संस्कृति में बदलाव का संकेत है, बल्कि समाज के बदलते मूल्यों और प्राथमिकताओं का भी प्रतीक है।