SBI का कस्टमर को मैसेज- 'बैंक का पैसा फ्री का था जो खाकर बैठ गए हो...'
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चंडीगढ़ के रहने वाले रतन ढिल्लों ने हाल ही में एक्स (ट्विटर) पर एक ऐसा मैसेज शेयर किया, जिसने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया। यह मैसेज कथित तौर पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक रिकवरी एजेंट की ओर से भेजा गया था। मैसेज में लिखा था, "बैंक का पैसा खाकर बैठ गए हो... अब तो आपको मेरे सामने आना होगा!" इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करके ग्राहक को डराने की कोशिश की गई थी।
रतन ढिल्लों ने बताया कि उनके क्रेडिट कार्ड पर मात्र 2-3 हजार रुपये की बकाया राशि थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा, "क्या आप यकीन कर सकते हैं कि यह कोई धोखाधड़ी वाला मैसेज नहीं है? हां, यह SBI का आधिकारिक मैसेज है! इस तरह का कुछ भेजने की हिम्मत अविश्वसनीय है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि एजेंट ने उनके क्रेडिट कार्ड की सारी डिटेल्स बताईं, जिससे यह साबित हुआ कि मैसेज वास्तव में बैंक से आया था।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ विवाद
इस मैसेज को शेयर करते ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। यूजर्स ने इसे "असहनीय" और "बेहूदा" बताया। एक यूजर ने ट्वीट किया, "शर्म शुर्म है कि नहीं... बैंक का कर्मचारी ऐसी भाषा कैसे इस्तेमाल कर सकता है?" वहीं, दूसरे ने लिखा, "बैंक को तुरंत माफी मांगनी चाहिए। ग्राहकों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।"
इस विवाद के बाद, वीडियो और स्क्रीनशॉट्स भी वायरल होने लगे। लोगों ने बैंक के ग्राहक सेवा की आलोचना की और सोशल मीडिया पर #SBI के साथ ट्रेंडिंग शुरू कर दी। कुछ यूजर्स ने तो यहां तक कहा कि "एसबीआई के साथ अपने सभी खाते बंद कर दूंगा"।
Can you believe this isn’t a fraud text!Yes, it’s an official message from SBI! The audacity to send something like this is unbelievable.
— Rattan Dhillon (@ShivrattanDhil1) February 18, 2025
Upon checking, I found that I had a small credit card due of 2-3k, and the representative verified all my details—she was indeed from SBI.… pic.twitter.com/4f4UAsnXk5
बैंक की प्रतिक्रिया
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद, एसबीआई ने अपनी प्रतिक्रिया दी। बैंक ने एक बयान जारी करते हुए कहा, "हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। हमारे कर्मचारियों को ग्राहकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। अगर किसी ग्राहक को असुविधा हुई है, तो हमें इसके लिए खेद है।"
हालांकि, बैंक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या इस मैसेज के लिए कोई कार्रवाई की जाएगी। रतन ढिल्लों ने बैंक से माफी मांगने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक माफीनामा जारी नहीं हुआ है।
क्या है पूरा मामला
रतन ढिल्लों ने बताया कि उन्होंने क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर चुकाने की कोशिश की थी, लेकिन किसी तकनीकी समस्या के कारण भुगतान नहीं हो पाया। इसके बाद, उन्हें रिकवरी एजेंट का मैसेज मिला। एजेंट ने न केवल भाषा का दुरुपयोग किया, बल्कि उन्हें धमकाने की भी कोशिश की।
इस मामले ने एक बार फिर बैंकों के रिकवरी एजेंटों के व्यवहार पर सवाल उठाए हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि "बैंकों को अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना चाहिए, ताकि वे ग्राहकों के साथ सम्मानजनक तरीके से बातचीत कर सकें"।