क्लास की लड़कियों से इतनी परेशानी? छात्रों ने प्रिंसिपल को लिखा ऐसा पत्र कि आप भी हंस पड़ेंगे!

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क्लास की लड़कियों से इतनी परेशानी? छात्रों ने प्रिंसिपल को लिखा ऐसा पत्र कि आप भी हंस पड़ेंगे!

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Photo Credit: Social Media


आजकल सोशल मीडिया पर कुछ भी वायरल हो सकता है, और ऐसा ही एक मजेदार किस्सा इन दिनों लोगों का ध्यान खींच रहा है। सातवीं कक्षा के कुछ लड़कों ने अपनी क्लास की लड़कियों की शरारतों से तंग आकर अपने प्रिंसिपल को एक पत्र लिखा, जो अब इंटरनेट पर धूम मचा रहा है। इस पत्र में बच्चों की मासूम शिकायतें और उनके अनोखे अंदाज ने न सिर्फ हंसी बिखेरी, बल्कि हमें अपने स्कूल के उन सुनहरे दिनों की याद भी दिला दी। आइए, इस वायरल पत्र की कहानी को करीब से जानते हैं और देखते हैं कि आखिर इसने सोशल मीडिया पर इतना तहलका क्यों मचा रखा है।

स्कूल की मासूम दुनिया और शरारतों का खेल

बचपन की दुनिया कितनी निराली होती है! छोटी-छोटी बातों पर नाराजगी, दोस्तों के साथ ठिठोली, और टीचर को शिकायत करना—ये सब स्कूल लाइफ का हिस्सा हैं। औरैया के जवाहर नवोदय विद्यालय के सातवीं कक्षा के लड़कों ने भी कुछ ऐसा ही किया। उनकी क्लास की लड़कियां उन्हें 'लल्ला', 'रसगुल्ला', और 'डामर' जैसे मजेदार नामों से चिढ़ाती थीं। इतना ही नहीं, ये लड़कियां क्लास में गाना गाकर और डायलॉगबाजी करके माहौल को और रंगीन बना देती थीं। इन शरारतों से परेशान होकर लड़कों ने प्रिंसिपल को एक औपचारिक पत्र लिख डाला, जिसमें उन्होंने अपनी शिकायतें बयां कीं। पत्र का विषय था—'कक्षा सात (अ) की लड़कियों को लड़कों से माफी मांगने हेतु'। इस पत्र में जानवी, शिखा, रितु, काजल और अवनी जैसी सहपाठियों के नाम भी शामिल थे, जिन्हें लड़के अपनी परेशानी का कारण मानते थे।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र

इस मजेदार पत्र को इंस्टाग्राम पर @chhotixadvance नामक अकाउंट ने शेयर किया, और देखते ही देखते यह पोस्ट वायरल हो गई। अब तक इस पोस्ट को 43 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं, और कमेंट्स की बाढ़ आ गई है। लोग इस मासूम शिकायत को पढ़कर अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे हैं। किसी ने लिखा, "स्त्री प्रधान देश में पुरुषों का जीवन सचमुच कठिन है!" तो किसी ने मजाक में कहा, "म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के?" एक यूजर ने तो अपने स्कूल के दिन याद करते हुए लिखा, "ये देखकर मेरे स्कूल के दिन ताजा हो गए।" इन कमेंट्स में हंसी-मजाक के साथ-साथ लोगों की पुरानी यादें भी झलक रही हैं। कोई इस पत्र को पढ़कर हंस रहा है, तो कोई लड़कों के लिए सहानुभूति जता रहा है।

बचपन की मासूमियत और आज का सोशल मीडिया

यह पत्र सिर्फ एक शिकायत नहीं, बल्कि बचपन की उस मासूमियत का प्रतीक है, जो छोटी-छोटी बातों को भी गंभीरता से ले लेती है। स्कूल के दिन हमें न सिर्फ पढ़ाई, बल्कि दोस्ती, शरारत और छोटी-मोटी लड़ाइयों का सबक भी सिखाते हैं। इस पत्र ने न केवल हमें हंसाया, बल्कि उस मासूम दुनिया की याद भी दिलाई, जहां 'रसगुल्ला' कहलाना भी एक बड़ी शिकायत बन जाता था। सोशल मीडिया ने इस छोटी-सी घटना को लाखों लोगों तक पहुंचाया और हमें एक बार फिर अपने बचपन के उन प्यारे पलों में ले गया।

लोगों का प्यार और प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर इस पत्र को लेकर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे पढ़कर अपने स्कूल के किस्से शेयर कर रहे हैं, तो कुछ इसे एक मजेदार मीम की तरह देख रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "मेरा देश बदल रहा है, अब लड़के भी अपनी शिकायतें खुलकर बता रहे हैं!" वहीं, एक अन्य कमेंट में लिखा गया, "लड़कियों की शरारतें तो स्कूल लाइफ का मसाला हैं।" इन प्रतिक्रियाओं से साफ है कि यह पत्र न सिर्फ हंसी का कारण बना, बल्कि लोगों को अपने स्कूल के दिनों से जोड़ने में भी कामयाब रहा।