Success Story : मां की ममता से बन गई यूपीएससी टॉपर, जानें इस खूबसूरत महिला अफसर की रोचक कहानी

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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Success Story : मां की ममता से बन गई यूपीएससी टॉपर, जानें इस खूबसूरत महिला अफसर की रोचक कहानी

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Success Story : UPSC की परीक्षा को दुनिया की सबसे टफ परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसे पास करने का सपना तो हर कोई देखता है लेकिन इसे पास केवल चुनिंदा लोग ही कर पाते हैं। क्योकि इसे पास करने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है।

इसके साथ ही लगभग हर विषय का ज्ञान होना भी जरूरी है। अगर कोई यूपीएससी परीक्षा को पास कर लेता है तो आसपास के इलाके में उसके चर्चे शुरू हो जाते हैं। साथ ही बता दें इनमें सफल होने वाले उम्मीदवारों को उनकी रैंक और वरीयता के आधार पर IAS, IPS, IFS आदि पद अलॉट किए जाते हैं।

दिव्या सिकरवार ने किया परीक्षा में टॉप

वहीं बता दें UPPSC 2022 का रिजल्ट जारी हो चुका है। इस बार टॉप 10 की लिस्ट में लड़कियों ने अपना परचम लहराया है। वहीं टॉपर की बात करें तो आगरा की दिव्या सिकरवार ने पीसीएस परीक्षा में टॉप किया है।

दिव्या ने दूसरे अटेंप्ट में यह सफलता हासिल की है। इसका पूरा श्रेय उन्होंने अपनी मां को दिया है। दिव्या की मां ही उनकी प्रेरणा रही हैं। दिव्या ने कहा कि मैं महिलाओं और लड़कियों के उज्जवल भविष्य के लिए काम करना चाहती हूं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, क्योंकि उनके पास बढ़ने के कम अवसर रहते हैं।

यहां की रहने वाली है दिव्या सिकरवार

बता दें दिव्या सिकरवार आगरा जिले के एत्मादपुर तहसील के गढ़ी रामी गांव की रहने वाली हैं। दिव्या ने कहा इस बार वह जानती थी कि सेलेक्शन हो जाएगा पर ये नहीं सोचा था कि वह टॉप कर जाएंगी। रिजल्ट देखकर पहले तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ।

माँ ने दिया पूरा साथ

इसी दौरान दिव्या ने बताया कि प्रदेश में टॉपर होने का विश्वास नहीं हो रहा है। गांव से शहर तक किसी लड़की का शिक्षा हासिल करना आसन नहीं होता है। दो बार सफलता न मिलने पर कोई दूसरी नौकरी करने की सोच रही थी लेकिन मां ने पीछे हटने से मना कर दिया।

पिता ने कही ये बड़ी बात

बेटी की सफलता पर पिता राजपाल सिक्रवार ने कहा कि मैं बहुत खुश हूंं। मेरे घर परिवार और क्षेत्र में काफी खुशी का माहौल है। बेटी ने बहुत मेहनत की और उसका नतीजा आपके सामने है।

मैंने बेटे और बेटी में कभी फर्क नहीं समझा। पढ़ाई और पालन-पोषण में सबके लिए बराबर किया। मेरी बेटी का बचपन से ही पढ़ाई में मन लगता था। वो लगातार दो साल से कमरे में बंद थी। आज उसकी पढ़ाई रंग लाया.