मिस्र के इस मंदिर में छिपा था सोने का खजाना, सच जानकर उड़ जाएंगे होश!

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मिस्र के इस मंदिर में छिपा था सोने का खजाना, सच जानकर उड़ जाएंगे होश!

Egypt

Photo Credit: Social media


मिस्र का कर्नाक मंदिर, जो प्राचीन सभ्यता का एक अनमोल रत्न है, एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। हाल ही में यहां खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों को 2600 साल पुराना एक खजाना मिला है, जिसे देखकर वे हैरान रह गए। यह खजाना एक टूटे हुए मिट्टी के घड़े में छिपा था, जिसमें सोने के आभूषण, मूर्तियां और कीमती सामान शामिल थे। यह खोज न सिर्फ मिस्र के इतिहास को नई रोशनी देती है, बल्कि प्राचीन मिस्रवासियों की कला और धार्मिक आस्था को भी सामने लाती है। इस खोज ने दुनियाभर के इतिहास प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।

टूटे घड़े में छिपा अनमोल खजाना

पुरातत्वविदों की एक टीम कर्नाक मंदिर के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में खुदाई कर रही थी, तभी उन्हें एक छोटा सा मिट्टी का घड़ा मिला। यह घड़ा भले ही टूटा हुआ था, लेकिन इसके अंदर रखे सामान पूरी तरह सुरक्षित थे। घड़े से सोने की अंगूठियां, छोटी-छोटी मूर्तियां, मोती और एक खास त्रिदेव मूर्ति निकली, जिसमें मिस्र के देवता अमुन, उनकी पत्नी मूत और उनके बेटे खोंसु की आकृतियां थीं। इन चीजों को देखकर विशेषज्ञों का कहना है कि यह खजाना मिस्र की 26वीं राजवंश के शुरुआती दौर का है, जो लगभग 2600 साल पहले का समय था। इस खोज ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि इतना कीमती सामान एक साधारण घड़े में क्यों छिपाया गया था।

प्राचीन मिस्र की कला का नमूना

इस खजाने में मिले सोने के गहने और मूर्तियां प्राचीन मिस्र के कारीगरों की बेजोड़ कला को दिखाते हैं। सोने की अंगूठियों और मोतियों पर बारीक नक्काशी की गई है, जो उस समय की तकनीक और सौंदर्य की समझ को दर्शाती है। खास तौर पर त्रिदेव मूर्ति, जिसे शायद कोई ताबीज के रूप में पहनता था, मिस्रवासियों की धार्मिक भावनाओं को उजागर करती है। अमुन, मूत और खोंसु को कर्नाक मंदिर में बहुत सम्मान दिया जाता था, और यह मूर्ति उनके प्रति श्रद्धा का प्रतीक हो सकती है। यह खोज बताती है कि उस समय लोग अपने देवताओं से कितना जुड़ाव रखते थे और उनकी रक्षा के लिए कीमती चीजें अर्पित करते थे।

खजाना छिपाने का रहस्य

इस खजाने को एक मिट्टी के घड़े में छिपाने के पीछे का कारण अभी तक साफ नहीं हो पाया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा हो सकता है, जिसमें मंदिर के लिए कीमती चीजें दान की गई हों। वहीं, कुछ का कहना है कि यह खजाना किसी अशांति के समय में सुरक्षित रखने के लिए छिपाया गया होगा। एक और रोचक विचार यह भी है कि शायद यह किसी प्राचीन लुटेरे का छिपाया हुआ सामान था, जो कभी वापस नहीं लिया जा सका। कारण जो भी हो, यह खोज कर्नाक मंदिर के इतिहास को और गहराई से समझने का मौका देती है।

कर्नाक मंदिर का महत्व

कर्नाक मंदिर मिस्र के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर लगभग 4000 साल पहले बनना शुरू हुआ था और कई सौ सालों तक इसे बढ़ाया और सजाया गया। यहाँ अमुन-रा के विशाल मंदिर के साथ-साथ कई छोटे मंदिर और पूजा स्थल हैं। इसकी भव्यता और इतिहास इसे दुनिया भर के पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं। इस नई खोज ने मंदिर की प्रसिद्धि को और बढ़ा दिया है, क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब यहाँ से कोई अनमोल चीज मिली हो। मंदिर के आसपास पहले भी मिट्टी की इमारतें मिल चुकी हैं, जो उस समय के जीवन को दर्शाती हैं।

भविष्य के लिए संरक्षण

इस खजाने को मिलने के बाद पुरातत्वविद अब इसे संरक्षित करने और अध्ययन करने में जुट गए हैं। उनका कहना है कि इन चीजों को अच्छे से सहेजकर लक्सर संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि लोग प्राचीन मिस्र की इस धरोहर को देख सकें। यह खोज न सिर्फ इतिहास को समझने में मदद करेगी, बल्कि मिस्र के पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। विशेषज्ञों का मानना है कि कर्नाक मंदिर के नीचे अभी और भी रहस्य छिपे हो सकते हैं, जिन्हें खोजने के लिए आगे की खुदाई जरूरी है।

इतिहास से एक नई सीख

यह खोज हमें प्राचीन सभ्यताओं की समृद्धि और उनके जीवन के तरीकों के बारे में बहुत कुछ बताती है। सोने के आभूषण और मूर्तियां न सिर्फ कला का नमूना हैं, बल्कि उस समय की आस्था और संस्कृति का भी आईना हैं। कर्नाक मंदिर में मिला यह खजाना हमें उस दौर में ले जाता है, जब लोग अपने देवताओं के लिए इतना कुछ समर्पित कर देते थे। यह हमें यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि आज भी हमारे आसपास कितने रहस्य छिपे हो सकते हैं, जो समय के साथ सामने आएंगे।