"मोदी को दादा समझ बैठे मेरे बच्चे!" अमेरिका से भारत आई उषा वेंस ने सुनाई दिल छू लेने वाली कहानी

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"मोदी को दादा समझ बैठे मेरे बच्चे!" अमेरिका से भारत आई उषा वेंस ने सुनाई दिल छू लेने वाली कहानी

Usha Vance

Photo Credit: Social Media


अमेरिका की सेकेंड लेडी और भारतीय मूल की उषा वेंस ने भारत और अमेरिका के बीच के रिश्तों को न सिर्फ राजनयिक, बल्कि गहरा व्यक्तिगत संबंध बताया है। वाशिंगटन में आयोजित यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के आठवें लीडरशिप समिट में उन्होंने अपने दिल को छूने वाले अनुभव साझा किए। उषा ने हंसी-मजाक के साथ अपने भारत दौरे के उन पलों को याद किया, जब उनके बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफेद दाढ़ी और बाल देखकर उन्हें ‘दादा’ समझ लिया। इस मजेदार किस्से ने सभागार में मौजूद सभी लोगों को हंसा दिया और भारत-अमेरिका के रिश्तों की गर्मजोशी को एक नया रंग दे दिया।

परिवार और संस्कृति का अनमोल बंधन

उषा वेंस ने बताया कि भारत और अमेरिका उनके लिए सिर्फ दो देश नहीं, बल्कि उनके जीवन का हिस्सा हैं। “मेरे परिवार का आधा हिस्सा भारत में है और आधा अमेरिका में। मैं बचपन से ही भारत आती-जाती रही हूं, अपने रिश्तेदारों से मिलती रही हूं। यह मेरे लिए एक बहुत ही खास और निजी रिश्ता है,” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा। उषा ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच का सहयोग न केवल व्यापार और कूटनीति तक सीमित है, बल्कि यह संस्कृति, परिवार और आपसी समझ का भी प्रतीक है।

भारत-अमेरिका संबंधों में नई ऊर्जा

समिट में मौजूद उद्योगपतियों, सरकारी अधिकारियों और सामुदायिक नेताओं के बीच उषा ने भारत-अमेरिका संबंधों को एक सुनहरा अवसर बताया। उन्होंने कहा, “यह समय है जब दोनों देश मिलकर नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं। चाहे वह तकनीक हो, शिक्षा हो, या व्यापार, दोनों देशों के पास एक-दूसरे को देने के लिए बहुत कुछ है।” उषा ने अपने पति, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का जिक्र करते हुए कहा कि वह भी इस रिश्ते को उतना ही महत्व देते हैं। उन्होंने आत्मविश्वास के साथ कहा- “अगर जेडी यहां होते, तो वे भी यही कहते कि यह दोनों देशों के लिए एक ऐतिहासिक मौका है”।

बच्चों के लिए ‘दादा’ बने पीएम मोदी

उषा ने अपने भारत दौरे के एक और मजेदार किस्से को साझा करते हुए बताया कि उनके बच्चे पीएम मोदी को देखकर इतने उत्साहित थे कि उनकी सफेद दाढ़ी और बालों को देखकर उन्हें ‘दादा’ कहने लगे। “यह पल मेरे लिए बहुत खास था। मेरे बच्चों ने भारत की संस्कृति और गर्मजोशी को इतने करीब से महसूस किया। यह दिखाता है कि भारत का आकर्षण और मेहमाननवाजी कितनी गहरी है,” उन्होंने गर्व के साथ कहा।