एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में पहला डायलिसिस मरीज भर्ती

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एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में पहला डायलिसिस मरीज भर्ती


एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में पहला डायलिसिस मरीज भर्ती


—जयंत पाठक के लिए आयुष्मान भारत योजना बनी संजीवनी, निःशुल्क डायलिसिस उपचार

वाराणसी, 15 मई (हि.स.)। कबीरचौरा स्थित मंडलीय शिवप्रसाद गुप्त अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के डायलिसिस यूनिट में पहला मरीज भर्ती हुआ है। मरीज के नि:शुल्क इलाज से गरीब परिजन आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की जमकर तारीफ करने के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार भी जता रहे हैं।

रामापुरा लक्सा निवासी जयंत कुमार पाठक (53) बेहद गरीब परिवार से हैं। शुगर, ब्लडप्रेशर व अन्य बीमारियों की वजह से किडनी (गुर्दा) पूरी तरह फेल हो चुकी है। ऐसे में डायलिसिस उनके जीवन के लिए आवश्यक बन गया। निजी अस्पतालों में डायलिसिस के महंगे फीस उनके बूते के बाहर थी। ऐसे में उनका आयुष्मान कार्ड उनके लिए संजीवनी बन गया। परिजनों ने पूरी प्रक्रिया कराने के बाद मंडलीय अस्पताल के डायलिसिस यूनिट में जयंत को भर्ती करा दिया। इसमें डायलिसिस यूनिट के कर्मचारियों और आयुष्मान मित्र रजत सिंह एवं रत्नप्रिया केशरी ने मरीज और परिजनों का साथ दिया।

रविवार को मंडलीय अस्पताल के डायलिसिस यूनिट के प्रभारी डॉ आर एन सिंह ने बताया कि किडनी के पूरी तरह से विफल हो जाने पर शरीर के सभी कामकाज बंद हो जाते हैं। किडनी फेल होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे किसी बीमारी की वजह से यूरिन का कम हो जाना, हृदयाघात, दिल की बीमारी, लिवर का फेल हो जाना, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, क्रोनिक डिजीज, प्रदूषण, अत्यधिक दवाएं, एलर्जी व गंभीर इन्फेक्शन आदि। किडनी पूरी तरह से फेल होने पर डायलिसिस ही एक ऐसा उपचार है जो व्यक्ति के शरीर को उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने, विषाक्त पदार्थों, अपशिष्ट व अतिरिक्त पानी को निकालने और अन्य रसायनों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। उन्होंने बताया कि डायलिसिस एक अस्थायी उपचार है। किडनी की बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने के लिए मरीज को जीवनभर के लिए डायलिसिस उपचार से गुजरना पड़ता है या फिर किडनी ट्रांसप्लांट से इसको ठीक किया जा सकता है।

अस्पताल के एसआईसी डॉ प्रसन्न कुमार ने बताया कि निजी चिकित्सालयों में एक बार डायलिसिस कराने के 2500 से 3000 रुपये लगते हैं। एक बार के लिए मरीज को 4 से 5 घंटे और हफ्ते में तीन बार डायलिसिस उपचार किया जाता है। लेकिन केंद्र सरकार की योजना आयुष्मान भारत के तहत इसका निःशुल्क लाभ प्रदान किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि गरीबों को निःशुल्क इलाज का लाभ दिलाने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना वरदान साबित हो रही है। कुछ दिवस पूर्व जिले में एक लाखवें मरीज को आयुष्मान कार्ड के जरिये निःशुल्क इलाज किया गया। पिछले चार साल में जिले में 1,00,767 लाभार्थियों का निःशुल्क इलाज मिल चुका है। आयुष्मान भारत योजना के तहत किडनी, कैंसर, हृदय रोग, हड्डी रोग, सभी प्रकार की सर्जरी, न्यूरो सहित लगभग 1670 बीमारियों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। डायलिसिस उपचार की सुविधा एसएसपीजी के अतिरिक्त डीडीयू चिकित्सालय और बीएचयू में मौजूद है।

—18 मई तक आयुष्मान पखवाड़ा मनाया जा रहा

जिला सूचना प्रणाली प्रबन्धक (डीआईएसएम) नवेन्द्र सिंह ने बताया कि जनपद में 4 मई से 18 मई तक आयुष्मान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के अनुसार जिन लाभार्थियों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान का पत्र मिला है। इसके साथ ही अंत्योदय कार्ड (लाल राशनकार्ड) और श्रम कार्ड (अक्टूबर 2019 व अक्टूबर 2020 के बीच बना) आधार कभी योजना का लाभ उठा सकते हैं। वह पत्र, अंत्योदय या श्रम कार्ड के साथ राशनकार्ड तथा आधार कार्ड लेकर नजदीकी आयुष्मान मित्र या जनसेवा केंद्र में जाकर अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं और प्रति परिवार हर साल अस्पताल में भर्ती होकर निःशुल्क पाँच लाख रुपये तक इलाज का लाभ ले सकते हैं।

—जनपद में आयुष्मान भारत योजना एक नजर में

- 1,14,419 कुल लाभार्थी परिवार

- 3,47,271 कुल आयुष्मान कार्ड बने

- 1,00,767 मुफ्त इलाज मिला (सरकारी–23,701 एवं निजी–77,066)

- 188 योजना से सम्बद्ध अस्पताल (23 सरकारी एवं 165 निजी)

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर