अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन CMS में 18 नवम्बर से,65 देशों के 250 से अधिक मुख्य न्यायाधीश व कानूनविद् पधारेंगे लखनऊ

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अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन CMS में 18 नवम्बर से,65 देशों के 250 से अधिक मुख्य न्यायाधीश व कानूनविद् पधारेंगे लखनऊ

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लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 23वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ 18 नवम्बर, शुक्रवार से सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में प्रारम्भ हो रहा है। सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष, संसद सदस्य, इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश समेत 65 देशों के 250 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् लखनऊ पधार रहे हैं। यह जानकारी आज एक प्रेस कान्फ्रेन्स में सम्मेलन के संयोजक व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने पत्रकारों को दी। डा. गाँधी ने बताया कि 18 से 22 नवम्बर तक आयोजित यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ पर आधारित है एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित है।


    प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. गाँधी ने बताया कि इस पाँच दिवसीय सम्मेलन में रक्षामंत्री  राजनाथ सिंह, मॉरीशस के राष्ट्रपति  पृथ्वीराजसिंग रूपन, पंकज चौधरी, राज्यमंत्री, वित्त, भारत सरकार,  केशव प्रसाद मौर्य, उप-मुख्यमंत्री, उ.प्र.,  बृजेश पाठक, उप-मुख्यमंत्री, उ.प्र.,  सुरेश खन्ना, वित्तमंत्री, उ.प्र,  सुधांशु त्रिवेदी, संसद सदस्य,  संयुक्ता भाटिया, मेयर, लखनऊ समेत कई गणमान्य हस्तियाँ अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज करायेंगे। इसके अलावा, इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पधारने वाली प्रख्यात हस्तियों में सर रॉडनी एरे लॉरेंस विलियम्स, गवर्नर-जनरल, एंटीगुआ और बारबुडा; एमिल कॉन्स्टेंटिनेस्कु, पूर्व राष्ट्रपति, रोमानिया,  स्टीपन मेसिक, पूर्व राष्ट्रपति, क्रोएशिया;  जोसेलेर्मे प्रिवर्ट, पूर्व राष्ट्रपति, हैती; डा. पकालिथा बी. मोसिलिली, पूर्व प्रधानमंत्री, लेसोथो;  जीन-हेनरी सेन्ट, पूर्व प्रधानमंत्री, हैती; एल्बन सुमाना किंग्सफोर्ड बैगबिन, स्पीकर, घाना संसद,  सूरजदेव फोकीर, स्पीकर, नेशनल असेम्बली, मॉरीशस, प्रो. इब्राहिम अल्जाज़ी, कैबिनेट मामलों के मंत्री, जार्डन; न्यायमूर्ति जी.टी. पेगोन, प्रेसीडेन्ट, इण्टरनेशनल एसोसिएशन ऑफ जजेस, आस्ट्रेलिया आदि प्रमुख हैं।


    डा. गाँधी ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में जिन 65 देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् आदि प्रतिभाग कर रहे हैं, उनमें अल्बानिया, अंगोला, एंटीगुआ एण्ड बारबुडा, आस्ट्रेलिया, अज़रबैजान, बांग्लादेश, बेनिन, बोलीविया, ब्राजील, बुर्किना फासो, कैमरून, चिली, कोमोरोस, कोस्टारिका, कोटे डी आइवर, क्रोएशिया, इक्वाडोर, इजिप्ट, अल-सल्वाडोर, इस्वातिनि, फिजी, घाना, गिनी, गिनी बिसाऊ, गुयाना, हैती, इटली, जापान, जमैका, जार्डन, किर्गिज़ रिपब्लिक, लेबनान, लेसोथो, लीबिया, मेडागास्कर, मलावी, मॉरिटानिया, मॉरीशस, मेक्सिको, मंगोलिया, मोरक्को, मोज़ाम्बिक, म्यांमार, नेपाल, नीदरलैंड्स, नाइजर, नाइजीरिया, नार्थ मैसेडोनिया, पेरू, रोमानिया, रूस, साओ टोम एण्ड प्रिंसिपे, सर्बिया, सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, दक्षिण सूडान, सूरीनाम, तंजानिया, थाईलैण्ड, तुर्की, अमेरिका, वेनेजुएला, जाम्बिया एवं भारत प्रमुख हैं।


    इस ऐतिहासिक सम्मेलन की विस्तृत रूपरेखा बताते हुए डा. गाँधी ने कहा कि विभिन्न देशों के न्यायविद व अन्य प्रख्यात हस्तियाँ 16 नवम्बर को दिल्ली पधारेंगे एवं ताजमहल का दीदार करने आगरा जायेंगे। इसके उपरान्त, दिल्ली लौटकर 17 नवम्बर को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे एवं नई दिल्ली स्थित कान्स्टीट्यूशन क्लब में सम्मेलन के प्रथम सत्र को सम्बोधित करेंगे। 18 नवम्बर को प्रातः 10 बजे विभिन्न देशों के न्यायविद् व अन्य प्रख्यात हस्तियाँ लखनऊ पधारेंगे। डा. गाँधी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह महासम्मलेन दुनिया को एकता के सूत्र में पिरोने और विश्व के ढाई अरब बच्चों का भविष्य बचाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा और पूरे विश्व समाज को एक नई दिशा देगा।