यूपी के वन अधिकारी बने साइबर क्राइम के शिकार

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यूपी के वन अधिकारी बने साइबर क्राइम के शिकार

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लखनऊ | उत्तर प्रदेश में एक वरिष्ठ वन अधिकारी बिजली बिल अपडेट करने के बहाने साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गए है। मुख्य वन संरक्षक दीपक कुमार से1.23 लाख रुपये की ठगी की गई है। यह तब हुआ जब उनके पास एक संदेश आया कि, अगर वह अपना बिजली का बिल जमा नही करते हैं तो उनकी बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा। संदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि वह बिजली अधिकारी से दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क करें, भले ही उसने बिल जमा कर दिया हो।

इसके बाद शिकायतकर्ता ने मैसेज में बताए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया और कॉल लेने वाले ने उससे पूछा कि उसका बिजली बिल विभाग को ट्रांसफर नहीं किया गया है और इसलिए उसे मैसेज भेजा गया है।

बदमाश ने उनसे ऐप स्टोर से एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा और फिर शिकायतकर्ता से अपने बिजली बिल खाते की आईडी अपडेट कराने के लिए 1 रुपये ट्रांसफर करने को कहा।

शिकायतकर्ता ने कहा, "जैसे ही मैंने 1 रुपये ट्रांसफर किए, मुझे अपने बैंक खाते से 25,000 रुपये की कटौती का संदेश मिला। मैंने उसे फोन किया और पूछा कि 25,000 रुपये क्यों काटे गए और उसने फोन काट दिया, यह कहते हुए कि उसे इस लेनदेन के बारे में कुछ भी नहीं पता था।"

उन्होंने कहा कि, उन्होंने तुरंत बैंक से संपर्क किया और उन्हें पैसे के लेनदेन के बारे में सूचित किया।

उन्होंन कहा, "मुझे बैंक अधिकारियों ने बताया कि मेरे बैंक खाते के माध्यम से क्रमश: 25,000 रुपये और 98,512 रुपये के दो लेनदेन किए गए थे। बैंक अधिकारियों के सुझाव पर, मैंने साइबर अपराध हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज की और बैंक अधिकारियों ने भी पंजीकरण करने का वादा किया है।"

एडीसीपी सेंट्रल जोन राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, जबकि साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

उल्लेखनीय है कि कुछ हफ्ते पहले हाई कोर्ट के एक पूर्व जज और कई सिविल सेवकों को बिजली बिल के भुगतान के बहाने साइबर स्कैमर्स द्वारा इसी तरह के मैसेज भेजे गए थे।