खेलों को बढ़ावा देने के लिए जिलों को टारगेट कर रही यूपी सरकार

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खेलों को बढ़ावा देने के लिए जिलों को टारगेट कर रही यूपी सरकार

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लखनऊ | खेलों को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार तेजी से काम कर रही है। इसी कारण वह एक जिला एक स्टेडियम की व्यवस्था लागू कर रही है, जिससे गांवों में खेलकूद को और बढ़ावा मिल सके। खेलेगा यूपी तो जीतेगा यूपी नारे को साकार करने के लिए इस पर पूरी तरह से ध्यान फोकस कर रही है। फिलहाल अब तक प्रदेश के चार (संभल, चंदौली, हापुड़ व शामली) जिले ऐसे थे, जिनमें सरकारी स्टेडियम नहीं था। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में संभल के चंदौसी तहसील के भरतरा गांव में क्रिकेट स्टेडियम स्टेडियम के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। जिला प्रशासन इस बाबत युवा कल्याण विभाग को नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराएगा। इसी तरह चंदौली में स्टेडियम के बाबत जमीन देने के लिए पशुपालन विभाग मौखिक रूप से सहमत हो गया है। बाकी जिलों में भी जमीन चिह्न्ति कर ली गई है। शीघ्र ही इन्हें स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद शासन के समक्ष इनके निर्माण के बाबत विशेषज्ञ प्रस्तुतिकरण देंगे। खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल के अनुसार पूरा प्रयास होगा कि इसी साल इन सबका निर्माण कार्य भी शुरू हो जाय। यही नहीं विभाग के जो काम लंबे समय से निमार्णाधीन हैं, वे भी शीघ्र पूरे हों। एसीएस स्तर से लगातार इसकी भी मॉनीटरिंग हो रही है। अयोध्या में निमार्णाधीन अंतराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम, सहारनपुर का खेल छात्रावास व लखनऊ के स्पोर्ट्स हॉस्टल में वेलोड्रम (सायकल ट्रैक) आदि पर भी नजर है।

उल्लेखनीय है कि योगी सरकार खेलों को लेकर बेहद संजीदा है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में आबादी के अनुसार ही यूपी का भी प्रतिनिधित्व हो। प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को स्थानीय स्तर पर जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराकर बचपन से ही उन्हें निखारने का प्रयास हो रहा है। गांव से लेकर ब्लॉक व जिला स्तर पर लोकप्रिय खेलों के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं व संसाधन उपलब्ध कराने, समय-समय पर प्रदेश, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खेलों के स्तर पर प्रतिभा दिखाने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के पीछे भी सरकार की यही मंशा है। हर गांव में खेल मैदान, ब्लॉक मुख्यालय पर मिनी स्टेडियम, एक जिला, एक खेल-खेलो इंडिया सेंटर और गोरखपुर मंडल में वल्र्डक्लास स्पोर्ट्स सिटी बनाने के प्रस्ताव के पीछे भी सरकार की यही धारणा है।

खेलों के लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के साथ स्थानीय स्तर पर खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए प्रशिक्षण पर भी बराबर का जोर है। इसके लिए प्रशिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। सूबे में अब प्रशिक्षकों की कमी दूर करने का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है।

जहां तक खिलाड़ियों के हौसलाअफजाई की बात है तो इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रयासरत हैं। चंद रोज पूर्व उन्होंने इसी मकसद से गुजरात के राष्ट्रीय खेल आयोजन में जाने वाले यूपी के खिलाड़ियों से मुलाकात भी की थी। लगे हाथ उन्होंने इनके लिए ट्रेन में एसी थ्री टीयर में यात्रा की भी सुविधा भी दे दी। इसके पहले अगस्त 2021 में खिलाड़ियों के सम्मान में ही यहां लखनऊ में मुख्यमंत्री की पहल पर खेल कुंभ का भी आयोजन हुआ था। इसमें मुख्यमंत्री ने लखनऊ में खेल एकेडमी बनाने, कुश्ती समेत दो खेलों को एडॉप्ट करने व 10 साल तक इनके वित्त पोषण की भी घोषणा की थी। प्रदेश की खेल प्रतिभाओं की दक्षता बढ़े, इसके लिए मेरठ में हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम से वैश्विक स्तर का खेल विश्वविद्यालय भी बन रहा है। सरकार इसी मकसद से पांच साल के लिए नई खेल नीति लाने की भी तैयारी कर रही है।

अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल का कहना है कि खेलो इंडिया, फिट इंडिया जैसी योजनाओं से पूरे देश में खेलों के प्रति एक बेहद सकारात्मक माहौल बना है। हमारे खिलाड़ी देश-दुनियां में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यह और बेहतर हो इसके इनको संभव बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संकल्प है। जिन जिलों में स्टेडियम नहीं हैं उनमें स्टेडियम बनाना उसी की कड़ी है।