अछरोड़ बालू खदान: पूर्व सांसद भैंरो मिश्रा के नाम का सहारा ले कर हो रहा अवैध खनन
विनोद मिश्रा
बांदा। जिले में लाल सोने का कारोबार करने वाला अछरोड़ बालू खदान का माफिया जिले के पूर्व भाजपा सांसद भैंरो प्रसाद मिश्रा का कथित भांजा बताकर एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा हैं।
पट्टा नियमावली से हटकर केन नदी की बीच जलधारा से पोक लैंड मशीनों के जरिए केन नदी का सीना पूर्व सांसद के दम खम का प्रशासन पर रौब के साथ उनकी झोली भरकर छलनी कराने में सहभागीदार है। इस कार्य में इसके साथ के साथ अधिकारियों की भी जुगल बंदी सर चढ़ कर बोल रही हैं।
जिले की अछरोंड़ खदान खंड नंबर एक में इन दिनों जलधारा का सीना चीरते हुये पोकलैंड मशीनों से अवैध हो रहा हैं। जबकि पट्टा नियमावली में निर्धारित पट्टा क्षेत्र में खनन करने की इजाजत होती है। इस खदान में कई पोकलैंड मशीनें नदी का सीना नोंच-नोंच कर हत्या कर रहीं हैं।परंतु बालू खदान मालिक/संचालक अरविंद त्रिपाठी भाजपा के पूर्व सांसद भैंरो प्रसाद मिश्रा का कथित भांजा बताकर प्रशासन को पक्ष में मिला नोटों से तुला दान करता हैं। हालांकि इस सन्दर्भ में पूर्व सांसद का कहना हैं की अरविंद त्रिपाठी खदान संचालक मेरा भांजा नहीं हैं!इसके खिलाफ खनन अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाई हो। प्रशासन तत्काल अवैध खनन बंद कराये। लेकिन इस सबके इतर लगता हैं बांदा का प्रशासन रुपयो के लोभ में इस माफिया के तलवे चाट रहा हैं।
इधर यह भी जानकारी मिली हैं कि खदान अछरोड़ की और खनन खनन पट्टा सीमा से हटकर कनवारा खंड की खदान में त्रिपाठी कंपनी द्वारा बेखौफ कराया जा रहा हैं। ऐसा क्यों हो रहा हैं, क्या अधिकारी निकम्मे और इस माफिया के भिखारी हो गये हैं? यह प्रशासन के लिये घोर शर्मिन्दगी का विषय हैं।