भईया दूज की रही धूम, बहनों नें की दीर्घायु की कामना

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Uttar Pradesh

भईया दूज की रही धूम, बहनों नें की दीर्घायु की कामना

भईया दूज की रही धूम, बहनों नें की दीर्घायु की कामना


विनोद मिश्रा

बांदा। जिले में भईया दूज पर्व की धूम रही। बता दें की दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार है और पांच दिवसीय त्योहार के पांचवे दिन मनाया जाता है, भाई दूज का पर्व। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित पर्व है, जिसे बड़ी श्रद्धा और परस्पर प्रेम के साथ मनाया जाता है। रक्षाबंधन के बाद, भाईदूज ऐसा दूसरा त्योहार है, जो भाई बहन के अगाध प्रेम को समर्पित है। 

भाई दूज का पर्व दीपावली के तीसरे दिन मनाया गया। वि‍वाहिता बहनों ने अपने भाई को भोजन के लिए अपने घर पर आमंत्रित किया, और गोबर से भाई दूज परिवार का निर्माण कर, उसका पूजन अर्चन कर भाईयों को प्रेम पूर्वक भोजन कराया। बहनों नें अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उसकी लंबी उम्र की कामना की। भाई दूज से जुड़ी कुछ मान्यताएं हैं जिनके आधार पर अलग-अलग क्षेत्रों में इसे अलग-अलग तरह ये मनाया जाता है।

भाई दूज की कथा- सूर्यदेव की पत्नी छाया की कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ। यमुना अपने भाई यमराज से स्नेहवश निवेदन करती थी कि वे उसके घर आकर भोजन करें। लेकिन यमराज व्यस्त रहने के कारण यमुना की बात को टाल जाते थे।कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना अपने द्वार पर अचानक यमराज को खड़ा देखकर हर्ष-विभोर हो गई। प्रसन्नचित्त हो भाई का स्वागत-सत्कार किया तथा भोजन करवाया।

इससे प्रसन्न होकर यमराज ने बहन से वर मांगने को कहा। तब बहन ने भाई से कहा कि आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे यहां भोजन करने आया करेंगे तथा इस दिन जो बहन अपने भाई को टीका करके भोजन खिलाए उसे आपका भय न रहे। यमराज 'तथास्तु' कहकर यमपुरी चले गए। ऐसी मान्यता है कि जो भाई भईया दूज के दिन यमुना में स्नान करके पूरी श्रद्धा से बहनों के आतिथ्य को स्वीकार करते हैं उन्हें तथा उनकी बहन को यम का भय नहीं रहता।