बीजेपी नेता को उम्रकैद, किराएदार की बड़ी बेटी से रेप, छोटी से छेड़खानी और उनके बाप की हत्या

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Uttar Pradesh

बीजेपी नेता को उम्रकैद, किराएदार की बड़ी बेटी से रेप, छोटी से छेड़खानी और उनके बाप की हत्या

Rahi masoom raza

Photo Credit: UPUKLive


उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने सबको चौंका दिया। इस मामले में विशेष न्यायाधीश अनन्य न्यायालय पॉक्सो एक्ट विनय कुमार सिंह ने पूर्व बीजेपी नेता राही मासूम रजा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह सजा हत्या, दुष्कर्म और छेड़खानी जैसे गंभीर अपराधों के लिए दी गई है। इसके साथ ही अदालत ने राही मासूम रजा पर 2 लाख 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस घटना ने न सिर्फ इलाके में हलचल मचा दी, बल्कि यह भी दिखाया कि कानून किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं है। इस मामले में दो अन्य लोग भी शामिल थे, जिन्हें सजा सुनाई गई है। यह पूरी कहानी एक परिवार के दुख और न्याय की लड़ाई की गवाही देती है।

सहयोगियों को भी सजा

इस मामले में राही मासूम रजा अकेले दोषी नहीं पाए गए। उनके साथ एक सिपाही आबिद अली और एक अन्य सहयोगी गुड्डू उर्फ मुमताज शाह को भी सजा सुनाई गई है। इन दोनों को चार-चार साल की जेल और तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इन पर आरोप था कि उन्होंने इस मामले को दबाने और मैनेज करने की कोशिश की थी। अदालत ने इनके खिलाफ भी सख्त रुख अपनाया और तीनों को जेल भेज दिया गया। यह फैसला उस वक्त आया, जब राही मासूम रजा बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष थे। इस घटना के बाद उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। इस सजा ने यह साफ कर दिया कि अपराध में शामिल कोई भी बच नहीं सकता, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।

घटना की शुरुआत और पीड़ित परिवार

इस दुखद कहानी की शुरुआत संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल थाना क्षेत्र से हुई। वहां का एक दुकानदार अपनी चार बेटियों और आठ साल के बेटे के साथ महाराजगंज शहर में किराये पर रहता था। यह परिवार राही मासूम रजा के घर में रह रहा था। दुकानदार फुटपाथ पर पानी-पकौड़े की छोटी सी दुकान चलाता था और अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। लेकिन उसकी जिंदगी तब बर्बाद हो गई, जब राही मासूम रजा ने उसकी बड़ी बेटी के साथ गलत हरकत शुरू की। 28 अगस्त को राही ने उसकी बड़ी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं, वह उसकी छोटी बेटी के साथ भी लगातार छेड़खानी करता रहा। यह सब उस परिवार के लिए एक बुरे सपने की तरह था, जिसने सोचा भी नहीं था कि उनके साथ ऐसा कुछ हो सकता है।

विरोध करने पर हत्या

इस गंदी हरकत का जब दुकानदार ने विरोध किया, तो राही मासूम रजा ने उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी। दुकानदार ने अपनी बेटियों की इज्जत बचाने की कोशिश की, लेकिन उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी। पिटाई की वजह से उसकी हालत इतनी बिगड़ गई कि उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। शहर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान 31 अगस्त को उसकी मौत हो गई। यह खबर सुनकर परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनकी जिंदगी पहले ही मुश्किल थी और अब उनके सिर से पिता का साया भी उठ गया। इस घटना ने पूरे इलाके में गुस्सा और दुख फैला दिया। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है।

पुलिस की कार्रवाई और मुकदमा

दुकानदार की मौत के बाद उसके परिवार ने हिम्मत दिखाई और इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। मृतक की बड़ी बेटी ने 5 सितंबर को पुलिस में तहरीर दी। इसके बाद तत्कालीन सीओ अजय सिंह चौहान ने मामले की जांच शुरू की। जांच में सारी बातें साफ हो गईं और पुलिस ने राही मासूम रजा के खिलाफ हत्या, दुष्कर्म, छेड़खानी, एससी-एसटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। यह मामला इतना गंभीर था कि पुलिस को तेजी से कार्रवाई करनी पड़ी। राही मासूम रजा की राजनीतिक हैसियत के बावजूद पुलिस ने कोई नरमी नहीं दिखाई। इस घटना ने यह भी दिखाया कि कानून के सामने सब बराबर हैं और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।

कोर्ट में सुनवाई और सजा

मामला कोर्ट में पहुंचा और विशेष न्यायाधीश विनय कुमार सिंह ने इसकी सुनवाई की। कोर्ट में सारी बातें सामने आईं। पीड़ित परिवार की ओर से जो सबूत पेश किए गए, वे इतने मजबूत थे कि राही मासूम रजा के खिलाफ सजा सुनाना जरूरी हो गया। अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लिया और राही को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 2 लाख 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। सिपाही आबिद अली और गुड्डू को भी उनकी भूमिका के लिए सजा दी गई। यह फैसला सुनते ही पीड़ित परिवार को थोड़ी राहत मिली। कोर्ट का यह कदम उन लोगों के लिए भी एक संदेश है, जो अपनी ताकत के दम पर गलत काम करने की सोचते हैं।