डेंगू का "डंक" लेने लगा जान, दहशत का "कोहराम"!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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डेंगू का "डंक" लेने लगा जान, दहशत का "कोहराम"!

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विनोद मिश्रा
बांदा।
जिले में डेंगू का डंक अब अब मौतों का परवाना काटने लगा हैं। बुख़ार से पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है। स्वास्थ बिभाग "चैन की बांसुरी" सी बजा रहा है।और डेंगू का डंक लोगों को "स्वर्गवासी"! डेंगू से निपटने के लिये समीक्षा बैठकों में "ताल ठोंकी" जाती है पर "ताल की हुंकार" कागजी आकड़ों" में गुम सी हो जाती है। स्वास्थ बिभाग नकारा और योगी सरकार की व्यवस्था को निकम्मा सा साबित कर रहा है!

चिंतनीय हालत यह है की डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। और मौते भी हो रही हैं जिन्हे सरकारी आकड़ों में छुपाने के आरोप लगने लगे हैं। हास्यास्पद स्थिति यह हैं की सरकारी दस्तावेज में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या मात्र 28 है,जो हकीकत को मुंह चिढ़ा रही है। पीड़ितों को मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जनपद में अभी तक  28 डेंगू के संभावित मरीज आए हैं। एनएस-वन किट जांच में इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई।  

उधर, जिला अस्पताल में ओपीडी में लगभग रोजाना डेढ़ हजार मरीज पहुंचनेका औसत है। इनमें लगभग एक हजार नए मरीज  शेष पुराने हैं। नए मरीजों में लगभग ढाई सैकड़ा बुखार और जुकाम के मरीज आते हैं। सीएमओ वीके तिवारी नबताया कि आठ सदस्यीय जिला मलेरिया टीम ने शहर के आवास विकास में 103 घरों की जांच की है। 500 पात्र (बर्तन) देखे। दो घर और छह पात्रों में पॉजिटिव लार्वा पाया गया। टीम ने उन्हें सफाई के निर्देश दिए और पानी भरे बर्तनों को खाली कराया। लार्वा निरोधक दवा का भी छिड़काव किया। वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम, नियंत्रण और बचाव के बारे में जागरुक किया।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नोडल अधिकारी डॉ.मनोज कौशिक के अनुसार मच्छरों की रोकथाम और निरोधात्मक कार्यवाही को 1449 टीमें लगाई गई हैं।