कलयुग का श्रवण कुमार: 92 वर्षीय मां को महाकुंभ की यात्रा पर ले जाता बेटा, प्रेम और श्रद्धा की अनूठी मिसाल

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कलयुग का श्रवण कुमार: 92 वर्षीय मां को महाकुंभ की यात्रा पर ले जाता बेटा, प्रेम और श्रद्धा की अनूठी मिसाल

Kumbha

Photo Credit: Video Grab


महाकुंभ मेला 2025 में एक ऐसी घटना सामने आई है जो दुनिया भर के श्रद्धालुओं को भावुक कर रही है। यह कहानी है एक 65 वर्षीय बेटे की, जो अपनी 92 साल की माताजी को लेकर मुजफ्फरनगर से बुलंदशहर होते हुए प्रयागराज की यात्रा पर निकला है।

नेशनल हाईवे 34 पर एक अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है, जहां एक बुजुर्ग अपने कंधों से हाथ गाड़ी खींचते हुए चल रहे हैं। उन्होंने मुजफ्फरनगर से यह यात्रा शुरू की है और उनकी मंजिल है प्रयागराज का पवित्र संगम। इस गाड़ी पर सवार हैं उनकी 92 वर्षीय मां, जिन्हें महाकुंभ में स्नान करना है।

प्रेम और समर्पण की मिसाल

चौधरी सुदेश पाल सिंह ने स्वयं अपने हाथों से यह विशेष गाड़ी बनाई है। उन्होंने बताया कि उनकी माताजी को महाकुंभ स्नान की इच्छा थी, इसलिए उन्होंने प्रण लिया कि वे उन्हें सुरक्षित वहां ले जाएंगे। बस, ट्रेन या अन्य वाहनों में मां को होने वाली तकलीफ को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह विशेष गाड़ी तैयार की।

आस्था और चमत्कार

सुदेश पाल की कहानी में एक चमत्कारिक पहलू भी है। कुछ समय पहले उनके घुटने खराब हो गए थे, लेकिन मां के आशीर्वाद से वे पूरी तरह ठीक हो गए। डॉक्टरों ने उनके घुटनों को लाइलाज घोषित कर दिया था, लेकिन मां की सेवा और उनके आशीर्वाद से वे फिर से चलने लगे।


श्रद्धा की अनूठी यात्रा

इस यात्रा को पूरा करने में सुदेश पाल को लगभग 13 दिन का समय लगेगा। वे प्रतिदिन लगभग 50 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब सुदेश ने ऐसा कुछ किया है। इससे पहले भी वे अपनी मां के लिए हरिद्वार से अपने कंधों पर गंगाजल लेकर मुजफ्फरनगर पहुंचे हैं। अब 144 साल बाद आयोजित हो रहे इस विशेष महाकुंभ में वे अपनी माता को श्रद्धा की डुबकी लगवाने का संकल्प लेकर चले हैं।

आस्था की जीवंत मिसाल

यात्रा के दौरान एक और दृश्य लोगों को भावविभोर कर रहा है - 92 वर्ष की आयु में भी उनकी माता गाड़ी में बैठकर 'हर-हर गंगे' और 'हर-हर महादेव' के जयकारे लगा रही हैं।1इस अनूठी यात्रा ने हर किसी को भावुक कर दिया है। लोग बुजुर्ग चौधरी सुदेश पाल सिंह मालिक को देखकर भावविभोर हो रहे हैं और उन्हें कलियुग का श्रवण कुमार कह रहे हैं।