चलती कार में नाबालिग लड़कियों के साथ गैंगरेप, एक की मौत

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया। तीन युवकों ने दो नाबालिग लड़कियों को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया। एक लड़की को चलती कार से फेंकने के बाद उसकी मौत हो गई, जबकि दूसरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया गया। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में बढ़ती असुरक्षा की ओर भी इशारा करती है। आइए, इस भयावह घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या है पूरा मामला?
गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर थाना क्षेत्र में रहने वाली 17 वर्षीय नाबालिग लड़की और उसकी सहेली 6 मई को नौकरी की तलाश में घर से निकली थीं। रास्ते में लड़की के परिचित अमित और उसके दोस्त संदीप एक कार लेकर आए। दोनों लड़कियों को कार में बैठने के लिए कहा गया। इसके बाद एक अज्ञात युवक भी कार में शामिल हो गया। शुरुआत में सब सामान्य लग रहा था, लेकिन जल्द ही यह सवारी एक खौफनाक दुःस्वप्न में बदल गई। आरोपियों ने लड़कियों को जबरन बियर पिलाई और रात डेढ़ बजे तक नोएडा के आसपास कार में घुमाते रहे।
विरोध पर क्रूरता की हदें पार
जब लड़कियों ने घर जाने की बात कही, तो आरोपियों का असली चेहरा सामने आया। उन्होंने न केवल अश्लील हरकतें शुरू कीं, बल्कि विरोध करने पर दोनों के साथ मारपीट की। एक लड़की ने जब इसका कड़ा विरोध किया, तो उसे मेरठ के जानी क्षेत्र में चलती कार से धक्का देकर फेंक दिया गया। राहगीरों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन गंभीर चोटों के कारण उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस बीच, दूसरी लड़की के साथ तीनों युवकों ने चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म किया।
पीड़िता की हिम्मत और पुलिस की कार्रवाई
सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने पीड़िता को 7 मई की सुबह बुलंदशहर के खुर्जा में एक मंदिर मार्ग पर फेंक दिया। टूटी-फूटी हालत में पीड़िता किसी तरह खुर्जा कोतवाली पहुंची और अपनी आपबीती पुलिस को बताई। उसकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने अमित, संदीप और एक अज्ञात आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। सीओ खुर्जा विकास प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है, और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
समाज और कानून पर सवाल
यह घटना समाज में महिलाओं और नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। नौकरी की तलाश में घर से निकली दो मासूम लड़कियों को ऐसी क्रूरता का शिकार होना पड़ा, जो किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। इस तरह की घटनाएं न केवल पीड़ितों और उनके परिवारों को तोड़ देती हैं, बल्कि समाज में डर का माहौल भी पैदा करती हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और कठोर सजा ही ऐसी वारदातों को रोकने का एकमात्र रास्ता हो सकता है।