एनआईए ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी को किया गिरफ्तार
Photo Credit: ians
लखनऊ | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के लखनऊ निवासी एक सहयोगी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। लखनऊ के गोमती नगर एक्सटेंशन के रहने वाले विकास सिंह ने बिश्नोई के आतंकी सिंडिकेट के सदस्यों को पनाह दी थी, जिसने मई 2022 में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) हमले को अंजाम दिया था।
इस साल 17 मई को, एनआईए ने नार्को-टेरर-गैंगस्टर नेक्सस से संबंधित मामलों के संबंध में छह राज्यों में केंद्रीय एजेंसी द्वारा किए गए तलाशी अभियान के तहत लखनऊ में सिंह के अपॉर्टमेंट सहित उत्तर प्रदेश में तीन स्थानों पर छापेमारी की। उसी समय से विकास सिंह की तलाश चल रही थी।
एनआईए ने उसे दिल्ली की एक सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया और मामले में आगे की पूछताछ के लिए उसकी पांच दिन की पुलिस रिमांड हासिल की।
एनआईए ने एक प्रेस बयान में कहा कि सिंह ने आरपीजी हमले को अंजाम देने वाले दीपक सुरखपुर और दिव्यांशु को अयोध्या के देवगढ़ गांव में अपने पैतृक घर और लखनऊ के अपने अपॉर्टमेंट में कई बार आश्रय दिया था।
बयान में कहा गया है कि सिंह पर 10 मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या और हत्या के प्रयास के मामले शामिल हैं।
एनआईए की जांच से पता चला कि सुरखपुर को सिंह से बिश्नोई के दोस्त और सहयोगी विक्की मिधुखेरा ने मिलवाया था।
बाद में, सिंह ने दिव्यांशु को, जिसे वह पहले से जानता था, बिश्नोई के सिंडिकेट से मिलवाया। सुरखपुर और दिव्यांशु कई सुपारी हत्याओं में शामिल हैं, इनमें नांदेड़ में व्यवसायी संजय बियानी और पंजाब में राणा कंधोवालिया की हत्या भी शामिल है।
एनआईए अधिकारियों ने कहा कि सिंह ने राणा कंदोवालिया हत्या मामले में एक संदिग्ध रिंकू को भी शरण दी थी।
इसके अलावा, 2020 की शुरुआत में, चंडीगढ़ में दोहरे हत्याकांड (कथित तौर पर बिश्नोई के इशारे पर किए गए) के बाद, हमलावर मोनू डागर, चीमा और राजन सिंह के साथ लखनऊ में विकास सिंह के घर रुके थे।
इस साल 17 मई को, एनआईए ने नार्को-टेरर-गैंगस्टर नेक्सस से संबंधित मामलों के संबंध में छह राज्यों में केंद्रीय एजेंसी द्वारा किए गए तलाशी अभियान के तहत लखनऊ में सिंह के अपॉर्टमेंट सहित उत्तर प्रदेश में तीन स्थानों पर छापेमारी की। उसी समय से विकास सिंह की तलाश चल रही थी।
एनआईए ने उसे दिल्ली की एक सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया और मामले में आगे की पूछताछ के लिए उसकी पांच दिन की पुलिस रिमांड हासिल की।
एनआईए ने एक प्रेस बयान में कहा कि सिंह ने आरपीजी हमले को अंजाम देने वाले दीपक सुरखपुर और दिव्यांशु को अयोध्या के देवगढ़ गांव में अपने पैतृक घर और लखनऊ के अपने अपॉर्टमेंट में कई बार आश्रय दिया था।
बयान में कहा गया है कि सिंह पर 10 मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या और हत्या के प्रयास के मामले शामिल हैं।
एनआईए की जांच से पता चला कि सुरखपुर को सिंह से बिश्नोई के दोस्त और सहयोगी विक्की मिधुखेरा ने मिलवाया था।
बाद में, सिंह ने दिव्यांशु को, जिसे वह पहले से जानता था, बिश्नोई के सिंडिकेट से मिलवाया। सुरखपुर और दिव्यांशु कई सुपारी हत्याओं में शामिल हैं, इनमें नांदेड़ में व्यवसायी संजय बियानी और पंजाब में राणा कंधोवालिया की हत्या भी शामिल है।
एनआईए अधिकारियों ने कहा कि सिंह ने राणा कंदोवालिया हत्या मामले में एक संदिग्ध रिंकू को भी शरण दी थी।
इसके अलावा, 2020 की शुरुआत में, चंडीगढ़ में दोहरे हत्याकांड (कथित तौर पर बिश्नोई के इशारे पर किए गए) के बाद, हमलावर मोनू डागर, चीमा और राजन सिंह के साथ लखनऊ में विकास सिंह के घर रुके थे।