दरोगा पर गंभीर आरोप, शादी का झांसा देकर युवती के साथ रेप का मामला

आगरा शहर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक युवती ने उत्तर प्रदेश पुलिस के एक दरोगा पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप लगाया है। यह घटना न सिर्फ पीड़िता के जीवन को उथल-पुथल कर गई, बल्कि समाज में भरोसे और नैतिकता जैसे मुद्दों पर सवाल भी खड़े कर रही है। ट्रांस यमुना थाने में दर्ज इस मामले ने लोगों का ध्यान खींचा है, और हर कोई जानना चाहता है कि इस कहानी का सच क्या है।
मुलाकात से धोखे तक की कहानी
युवती, जो टेढ़ी बगिया इलाके की रहने वाली है, ने अपनी शिकायत में बताया कि यह सब 2022 में शुरू हुआ, जब वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात अविनाश नाम के एक शख्स से हुई, जो खुद को सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाला बताता था। दोनों में बातचीत शुरू हुई, और धीरे-धीरे यह रिश्ता गहरा होता गया। युवती का कहना है कि वह अविनाश के प्यार भरे वादों में फंस गई। लेकिन जल्द ही उसकी जिंदगी का सबसे काला अध्याय शुरू हुआ, जब अविनाश ने उसका भरोसा तोड़ते हुए जबरन शारीरिक संबंध बनाए। जब उसने इसका विरोध किया, तो अविनाश ने शादी का वादा करके उसे चुप करा दिया।
वादों का टूटना और सच का खुलासा
2023 में अविनाश का चयन यूपी पुलिस में दरोगा के पद पर हो गया, और उसे गाजियाबाद के कौशांबी थाने में तैनाती मिली। इसके बाद उसके व्यवहार में अचानक बदलाव आ गया। वह युवती से बात करने में आनाकानी करने लगा और मुलाकातें भी बंद कर दीं। युवती को शक हुआ, और उसने अविनाश की सच्चाई जानने की ठानी। उसने अविनाश के इंस्टाग्राम प्रोफाइल की जांच की, जहां उसे पता चला कि उसने कहीं और सगाई कर ली है। यह खुलासा युवती के लिए किसी सदमे से कम नहीं था। उसने हिम्मत जुटाई और ट्रांस यमुना थाने में अविनाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें शादी का झांसा देकर दुष्कर्म और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।
पुलिस की कार्रवाई और समाज के सवाल
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू कर दी है। ट्रांस यमुना थाने के अधिकारी इस मामले को संवेदनशीलता के साथ देख रहे हैं, क्योंकि इसमें एक पुलिस अधिकारी का नाम शामिल है। यह घटना न सिर्फ कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की सुरक्षा और भरोसे जैसे मुद्दों पर भी सवाल उठाती है। एक ऐसे शख्स पर, जिसे कानून की रक्षा करनी चाहिए, इतना गंभीर आरोप लगना कई सवाल खड़े करता है।