लखनऊ में टेक्सटाइल पार्क के सर्वे का काम शुरू, 20 दिन में शासन को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
लखनऊ | उत्तर प्रदेश सरकार ने राजधानी स्थित मलिहाबाद के मॉल ब्लॉक के अटारी गांव में बनने वाले पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क के टोपोग्राफिकल सर्वे को मंजूरी दे दी है। इसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड (यूपीएसआईसी) को सौंपी गयी है। साथ ही लखनऊ और हरदोई के जिलाधिकारी ने टेक्सटाइल पार्क के स्थलीय सर्वेक्षण और जमीन की पैमाइश के लिए राजस्व विभाग की एक टीम निर्धारित की है।
मालूम हो कि टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क करीब एक हजार एकड़ में बनना है, जिसमें 903.07 एकड़ जमीन लखनऊ जिले में आती है। जबकि, 259.09 एकड़ जमीन हरदोई जिले में है। मेगा टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क के सर्वे के लिए शासन स्तर से हरी झंडी मिलते ही इसकी शुरूआत हो गई है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यूपीएसआईसी और डीएम लखनऊ व हरदोई की राजस्व टीमें अपनी सर्वे रिपोर्ट शासन को 20 दिनों में सौंपेगी। वहीं, टेक्सटाइल पार्क के क्रियान्वयन के लिए गठित स्पेशल पर्प वेहिकल (एसपीवी) के लिए तैयार ड्राफ्ट को मंजूरी के लिए भारत सरकार की टेक्सटाइल मिनिस्ट्री भेजा गया है। इसके लिए 10.00 करोड़ (पेड अप कैपिटल) की व्यवस्था की गई है, जिसमें 51 प्रतिशत अंश उत्तर प्रदेश सरकार का होगा तथा 49 प्रतिशत अंश भारत सरकार का होगा।
पार्क को पीपीपी मोड पर विकसित किया जायेगा। इसके साथ ही मास्टर प्लान, परियोजना अनुमान और बोली दस्तावेज से संबंधित (आरएफक्यू, आरएफपी और विकास समझौते) कार्य प्रगति पर हैं। पार्क के मास्टर डेवलपर के चयन के लिए मसौदा बोली से संबंधित दस्तावेज तैयार कर लिए गए हैं। जबकि, भारत सरकार के मसौदा बोली संबंधित दस्तावेज 20 जून को जारी कर दिये जाएंगे। इससे संबंधित फर्म को 24 जून तक अपना प्रस्ताव जमा करना होगा।
मालूम हो कि टेक्सटाइल पार्क के निर्माण में 1,200 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। टेक्सटाइल पार्क के संचालन को लेकर पर्यावरण का भी खास ध्यान रखा जा रहा है। उद्योग लगने से यहां के पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इससे संबंधित रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक एजेंसी को चयनित किया जाएगा। एजेंसी के चयन के लिए आरएफपी तैयार कर ली गयी है। जल्द ही इससे संबंधित आवेदन मांगने के लिए बिड प्रकाशित की जाएगी।
पार्क को बुनियादी ढांचे से जोड़ने के लिए 4 लेन सड़क का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही पानी और बिजली की समर्पित आपूर्ति के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। मालूम हो कि यूपीजीआईएस-23 में टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क के लिए कुल 73 निवेश प्रस्ताव आए थे, जिसमें निवेशकों ने 2483.85 करोड़ रुपये निवेश करने का प्रस्ताव दिया है।
मालूम हो कि टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क करीब एक हजार एकड़ में बनना है, जिसमें 903.07 एकड़ जमीन लखनऊ जिले में आती है। जबकि, 259.09 एकड़ जमीन हरदोई जिले में है। मेगा टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क के सर्वे के लिए शासन स्तर से हरी झंडी मिलते ही इसकी शुरूआत हो गई है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यूपीएसआईसी और डीएम लखनऊ व हरदोई की राजस्व टीमें अपनी सर्वे रिपोर्ट शासन को 20 दिनों में सौंपेगी। वहीं, टेक्सटाइल पार्क के क्रियान्वयन के लिए गठित स्पेशल पर्प वेहिकल (एसपीवी) के लिए तैयार ड्राफ्ट को मंजूरी के लिए भारत सरकार की टेक्सटाइल मिनिस्ट्री भेजा गया है। इसके लिए 10.00 करोड़ (पेड अप कैपिटल) की व्यवस्था की गई है, जिसमें 51 प्रतिशत अंश उत्तर प्रदेश सरकार का होगा तथा 49 प्रतिशत अंश भारत सरकार का होगा।
पार्क को पीपीपी मोड पर विकसित किया जायेगा। इसके साथ ही मास्टर प्लान, परियोजना अनुमान और बोली दस्तावेज से संबंधित (आरएफक्यू, आरएफपी और विकास समझौते) कार्य प्रगति पर हैं। पार्क के मास्टर डेवलपर के चयन के लिए मसौदा बोली से संबंधित दस्तावेज तैयार कर लिए गए हैं। जबकि, भारत सरकार के मसौदा बोली संबंधित दस्तावेज 20 जून को जारी कर दिये जाएंगे। इससे संबंधित फर्म को 24 जून तक अपना प्रस्ताव जमा करना होगा।
मालूम हो कि टेक्सटाइल पार्क के निर्माण में 1,200 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। टेक्सटाइल पार्क के संचालन को लेकर पर्यावरण का भी खास ध्यान रखा जा रहा है। उद्योग लगने से यहां के पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इससे संबंधित रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक एजेंसी को चयनित किया जाएगा। एजेंसी के चयन के लिए आरएफपी तैयार कर ली गयी है। जल्द ही इससे संबंधित आवेदन मांगने के लिए बिड प्रकाशित की जाएगी।
पार्क को बुनियादी ढांचे से जोड़ने के लिए 4 लेन सड़क का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही पानी और बिजली की समर्पित आपूर्ति के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। मालूम हो कि यूपीजीआईएस-23 में टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क के लिए कुल 73 निवेश प्रस्ताव आए थे, जिसमें निवेशकों ने 2483.85 करोड़ रुपये निवेश करने का प्रस्ताव दिया है।