भारत के विकास में शिक्षकों और छात्रों की प्रभावी भूमिका रही : रामनाथ कोविंद

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Uttar Pradesh

भारत के विकास में शिक्षकों और छात्रों की प्रभावी भूमिका रही : रामनाथ कोविंद

kovind


कानपुर। कानपुर के मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित चौधरी हरमोहन सिंह पैरामेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग इंस्टीट्यूट कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि,लोगों में हमसफर की भावना जगाने का आह्वान किया तो बेहतर शिक्षण संस्थानों का हवाला देते हुए कानपुर की जिम्मेदारी देश के प्रति महत्वपूर्ण बताई।
समोराह में राष्ट्रपति ने कहा किशिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में कई उपलब्धियां हासिल की हैं और इसमें कानपुर के मानचित्र पर आईआईटी,एनएसआई,तीन विश्वविद्यालय और बहुत सारे शिक्षण संस्थान हैं। इसके चलते कानपुर की जिम्मेदारी भी देश में और क्षेत्रों के लिए बहुत अधिक बढ़ जाती है। क्योंकि भारत के विकास में शिक्षकों और छात्रों की प्रभावी भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं और देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश की आजादी के लिए हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। इसमें बहुत से लोग गुमनामी में रहे। दो वर्ष तक चलने वाले इस समारोह में जो नाम गुम हो गए हैं,उन्हें सामने लाया जाए। उत्तर प्रदेश और कानपुर का भी स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत योगदान रहा है।1857 के स्वतंत्रता संग्राम में नानाजी,तात्या टोपे और अजीमुल्ला खान के नाम तो सभी में सुने हैं लेकिन अजीजन बाई, मैनावती के योगदान से लोग पूरी तरह परिचित नहीं हैं। इन्हें सामने लाया जाना चाहिए। इसके अलावा चंद्रशेखर आजाद,भगत सिंह के कानपुर के संबंधों को लोग जानते हैं लेकिन जयदेव कपूर,शिव वर्मा और गया प्रसाद के बारे में लोगों को और बताया जाना चाहिए। हम सबका कर्तव्य है कि ऐसे गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में लोगों को जानकारी दें। कहा कि हरमोहन सिंह से खेती-खेती किसानी के बारे में राज्यसभा में सुना जाता था। 1984 में दंगे के दौरान उन्होंने सैकड़ों लोगों की प्राण रक्षा कर गणेश शंकर विद्यार्थी की परंपरा को आगे बढ़ाया।
कानपुर और आसपास को माना अपना निजी परिवार
राष्ट्रपति ने कहा कि आज पूरे विश्व में भारत और भारतीयों को आदर मिलता है। वह जहां भी जाते हैं, उन्हें पूरा आदर दिया जाता है लेकिन कानपुर की बात अलग है। वैसे तो पूरा देश अपना परिवार है लेकिन कानपुर और आसपास को मैं अपना निजी परिवार मानता हूं क्योंकि इसी जमीन से पढ़ाई करके राष्ट्रपति बना हूं। इसलिए इसकी स्मृति ना तो दूर हुई हैं और ना कभी होंगी। उन्होंने कहा कि विश्व में अग्रणी पंक्ति में आने के लिए 130 करोड़ लोगों को अपने पांव एक साथ बढ़ाने चाहिए। कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना,राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह आदि लोग मौजूद रहे।