ठाकुरद्वारा: खचाखच भरे बाज़ार में सब कुछ मिल रहा है, अगर कुछ नहीं है तो वो है पुलिस प्रशासन

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ठाकुरद्वारा: खचाखच भरे बाज़ार में सब कुछ मिल रहा है, अगर कुछ नहीं है तो वो है पुलिस प्रशासन

Thakurdwara Market


यामीन विकट
ठाकुरद्वारा।
दोनों समुदायों के त्यौहार सिर पर होने से खचाखच भरे बाज़ारों में सब कुछ मिल रहा है. बस नहीं मिल रहा है तो वो पुलिस प्रशासन है, जो न जाने किस अनहोनी की प्रतीक्षा कर रहा है।

वर्तमान समय में जहां मुस्लिम समुदाय के पवित्र रमजान चल रहे हैं और ईद आने वाली है वहीं दूसरी ओर हिन्दू समुदाय का कल पावन होली का त्योहार है जबकि लोकतंत्र का महा पर्व यानी लोकसभा चुनाव भी तेजी से शुरू हो चुके हैं ऐसे में नगर के बाजारों में सभी समुदायों के लोग खरीदारी कर रहे हैं और जब दोनों ही समुदाय के लोग बाज़ार में हैं तो जाहिर है कि बाज़ार में भारी भीड़ भी होगी। 

लेकिन ऐसे हालात में भी नगर की कोतवाली पुलिस बाज़ार से पूरी तरह गायब है। बाज़ारों में भारी भीड़ के चलते जहां लगातार जाम लग जाता है और लोग एक दूसरे से भिड़ने को तैयार हो जाते हैं ऐसे में ही अक्सर ये छोटी मोटी भिड़ंत अक्सर चंद लोगों के कारण मामूली बात का बतंगड़ बन जाती है और फिर मामला तूल पकड़ लिया करता है। 

ऐसे में अगर बाज़ार में कोई पुलिस कर्मी होता है तो अक्सर वह बिगड़ते हुए हालात को समय पर काबू कर लेता है और स्थिति जल्द ही काबू में आ जाती है। लेकिन यहां तो दूर दूर तक कोई पुलिस कर्मी आपको बाज़ार में नज़र नहीं आएगा। सब कुछ राम भरोसे चल रहा है और ऐसा लगता है कि जिस राम राज का जिक्र हम अपने बुजुर्गों के मुंह से सुनते रहे हैं ये शायद वही राम राज है।

इस पूरे मामले में हम तो यही कहेंगे कि या तो पुलिस को पूरा भरोसा है कि वो आराम से सोती रहेगी और बाज़ार बिना पुलिस के ही सुरक्षित रहेंगे या फिर पुलिस के मन में ये बात है कि जब कुछ होगा तो देखा जाएगा। कुल मिलाकर आए दिन कोतवाली परिसर में होने वाली अमन कमेटी की बैठकों में लोगो की सुरक्षा को लेकर जो दावे किए जाते हैं वो सब हवा हवाई हैं। बस अमन कमेटी की बैठक में जाने वाले लोगों को माइक पर अपनी मीठी मीठी बातें रखने का मौका मिल जाता है और पुलिस की तारीफ कर वो पुलिस के लिए खरे बन जाते हैं किसी समस्या से ज़्यादातर लोगों को कोई सरोकार नहीं है।