ठाकुरद्वारा नगर पालिका ने लगाया बोर्ड, लेकिन कार्रवाई ZERO! लोग बोले- दिखावा बंद करो

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ठाकुरद्वारा नगर पालिका ने लगाया बोर्ड, लेकिन कार्रवाई ZERO! लोग बोले- दिखावा बंद करो

No parking in thakurdwara

Photo Credit: Yameen Vikat


यामीन विकट, ठाकुरद्वारा। ठाकुरद्वारा की सड़कों पर एक नया विवाद पनप रहा है, और इसका केंद्र है नगर पालिका द्वारा लगाया गया 'नो पार्किंग' बोर्ड। यह बोर्ड, जो अवैध पार्किंग को रोकने के लिए लगाया गया था, अब उसी नगर पालिका के लिए सिरदर्द बन गया है। लोग इस बोर्ड को देखकर सवाल उठा रहे हैं—नियम तो बनाए गए, लेकिन उनका पालन कौन करवाएगा? सोशल मीडिया पर इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है, जहां लोग नगर पालिका और इसके अध्यक्ष की कार्यशैली पर तंज कस रहे हैं। 

'नो पार्किंग' का बोर्ड, लेकिन गाड़ियां बेरोकटोक!
कुछ दिन पहले, ठाकुरद्वारा में कोतवाली के पास पुराने एसडीएम कोर्ट रोड पर नगर पालिका ने एक चमकीला 'नो पार्किंग' बोर्ड लगाया। इस बोर्ड पर साफ लिखा था कि इस क्षेत्र में वाहन पार्क करने वालों से 500 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। मकसद था सड़कों पर अवैध पार्किंग को रोकना और यातायात को सुचारू करना। लेकिन हकीकत इससे उलट है। बोर्ड के ठीक नीचे से लेकर कोतवाली के पिछले गेट तक, रोज़ाना दर्जनों कारें और अन्य वाहन बेरोकटोक खड़े नज़र आते हैं। हैरानी की बात यह है कि नगर पालिका ने अब तक किसी से जुर्माना वसूलने की जहमत नहीं उठाई। इससे स्थानीय लोग भड़क गए हैं और अपनी नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं।

कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब नगर पालिका नियम लागू करने में नाकाम है, तो बोर्ड लगाने का क्या फायदा? एक यूज़र ने लिखा, "नो पार्किंग का बोर्ड तो लगा दिया, लेकिन गाड़ियां रोज़ खड़ी हो रही हैं। क्या ये बोर्ड सिर्फ़ दिखावे के लिए है?" कुछ लोगों ने नगर पालिका पर तंज कसते हुए कहा कि पहले पार्किंग की वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी, फिर सख्ती बरतनी चाहिए थी। खासकर बाहरी लोग, जो ठाकुरद्वारा आते हैं, उनके लिए गाड़ी पार्क करने की जगह का अभाव एक बड़ी समस्या है।

पार्किंग की कमी: एक अनसुलझी समस्या

स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगर पालिका ने 'नो पार्किंग' का नियम तो लागू कर दिया, लेकिन वैकल्पिक पार्किंग स्थल की व्यवस्था करने में पूरी तरह नाकाम रही। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, "जो लोग बाहर से आते हैं, वे अपनी गाड़ी कहां खड़ी करें? सड़क किनारे पार्किंग के सिवा उनके पास कोई विकल्प नहीं है।" लोगों का यह भी कहना है कि अगर नगर पालिका ने पहले पार्किंग ज़ोन बनाए होते, तो शायद यह विवाद खड़ा ही न होता। कुछ लोगों ने तो यह तक आरोप लगाया कि नगर पालिका अध्यक्ष, जो कथित तौर पर काशीपुर में रहते हैं, ठाकुरद्वारा की स्थानीय समस्याओं से अनजान हैं।

यह पूरा मामला नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है। लोगों की मांग है कि अगर नियम बनाए गए हैं, तो उनका सख्ती से पालन करवाया जाए। साथ ही, नगर पालिका को चाहिए कि वह अवैध पार्किंग की समस्या का स्थायी समाधान निकाले, जैसे कि पार्किंग स्थलों का निर्माण या यातायात प्रबंधन के लिए बेहतर योजना। फिलहाल, 'नो पार्किंग' का बोर्ड एक मज़ाक बनकर रह गया है, जो न केवल नगर पालिका की साख को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि ठाकुरद्वारा की सड़कों पर अव्यवस्था को भी उजागर कर रहा है।