पुलिस का नर्म रवैया, बना तिहरे हत्या कांड का कारण!

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पुलिस का नर्म रवैया, बना तिहरे हत्या कांड का कारण!

पुलिस का नर्म रवैया, बना तिहरे हत्या कांड का कारण!


विनोद मिश्रा
बांदा।
शहर के चमरौडी मोहल्ले में तिहरे हत्या कांड की कहानी के पीछे का कारण भले ही मामूली विवाद हो, पर इस कांड की सन सनी दिलों को झकझोर और कंपकंपा देनें वाली हैं।भले चचेरे भाई सुरेश उर्फ बबलू, शिवपूजन और देवराज और उनकी घरों की औरतों से अभिजीत और उसके घरों की महिलाओं के बीच शुक्रवार दिन में भी तीन बार विवाद हुआ था। दावों के मुताबिक तीनों बार पुलिस पहुंची।समझाकर लौट गई। पुलिस का यह नर्म रवैया ही कुछ घंटों बाद तिहरे हत्याकांड का सबब बन गया। देर रात चौथी बार हुए झगड़े में तीन हत्याएं हो गईं।आरोपी देवराज की दो बेटियों शीतल और संजना  ने बताया कि शुक्रवार को चाचा सुरेश उर्फ बबलू, शिवपूजन तथा अभिजीत व बुआ निशा व दादी रमा से दिन में तीन बार झगड़ा हुआ। पहले सुबह 7 बजे घर के पास गंदा पानी फेंकने और दोपहर करीब 12 बजे बासी चावल फेंकना इसका कारण था।
शिकायत  पर कालूकुआं पुलिस चौकी से दो सिपाही पहुचे। दोनों पक्षों को समझाकर चले गये। शाम सात बजे पुनः निशा और शिवपूजन की पत्नी धर्मवती के बीच बहस और मारपीट हुई। दोनों पक्ष चौकी और कोतवाली गये। पुलिस ने समझा-बुझाकर फिर वापस भेज दिया।
पड़ोसियों का कहना है कि अक्सर दोनों पक्षों में छोटी-छोटी बात को लेकर झगड़ा हो जाता था। अभिजीत के पुलिस में होने से यहां की पुलिस उसी का पक्ष लेती थी। इसी चिढ़ में चचेरे भाइयों ने तिहरा मर्डर कांड कर दिया।
निशा बुआ आग लगावत रही हवै
 देवराज की बड़ी पुत्री शीतल ऩे बताया कि जरा-जरा सी बात पर बुआ निशा बड़बड़ाने लगती थी। फिर पूरा घर झगड़ा करने लगता था।चाची धर्मवती पत्नी शिवपूजन के नाम प्रधानमंत्री आवास से घर बन रहा है। पिलर खड़े हो रहे हैं। दो दिन पहले बुआ निशा ने दीवार से पिलर बनने पर विरोध किया तो चाचा गोल्डी अभिजीत ने भी झगड़ा शुरू कर दिया था।
चाचा गोल्डी कहते थे कि एक ईंट छोड़कर बनवाओ। नहीं घर नहीं बनने दिया जाएगा। इस बात को लेकर भी दोनों पक्षों में तनाव था। शिवपूजन की बड़ी बेटी संध्या भी मायके आई थी। झगड़े की वजह से शुक्रवार को दोपहर वह अपनी ससुराल डिघवट चली गई थी।
मृतक कांस्टेबल के घर से लेकर हत्यारोपी तीन चचेरे भाइयों के घरों तक की सड़क और चबूतरे खून से सन गये थे। अभिजीत के घर में तीनों के शव पड़े थे तो आरोपी पक्ष से चचेरे भाई शिवपूजन, सुरेश उर्फ बबलू और देवराज के घर के बाहर खून से सने ईंट-पत्थर बिखरे थे।
सड़कों पर भी जगह-जगह खून के छींटे थे। तिहरे हत्याकांड की दहशत भी मोहल्लेवासियों में नजर आई।मृतक अभिजीत के पिता रामप्रसाद वर्मा और आरोपी देवराज के पिता भगवानदीन वर्मा सगे भाई थे। दोनों की मृत्यु हो चुकी है। ये मूलरूप से चिल्ला थाना क्षेत्र के पपरेंदा गांव के रहने वाले थे, लेकिन कई सालों से शहर के चमरौडी मोहल्ले में रह रहे थे। जमीन के बंटवारे का विवाद इन दोनों के जिंदा रहते ही शुरू हो गया था।
रामप्रसाद वर्मा के परिवार में दो पुत्र सौरभ , अभिजीत , पुत्री निशा और पत्नी रमा थीं, जबकि भगवानदीन के तीन पुत्र देवराज, शिवपूजन और बबलू हैं। अभिजीत प्रयागराज में कांस्टेबल था। बड़ा भाई सौरभ भी पुलिस में है और सीतापुर में ट्रेनिंग कर रहा है।
बहन निशा बीएड कर चुकी थी। दूसरे भाई भगवानदीन के तीन पुत्रों में देवराज और शिवपूजन अशिक्षित हैं। गुब्बारे की फेरी लगाकर परिवार पालते हैं। सुरेश उर्फ बबलू पंखे का मिस्त्री है। गरीबी के चलते ही इनको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है।जिला अस्पताल में भर्ती मारपीट में घायल आरोपी पक्ष की रज्जो पत्नी देवराज वर्मा ने बताया कि अभिजीत पुलिस में होने का रुआब दिखाता था। शुक्रवार को सुबह अभिजीत उनके घर के दरवाजे गाली-गलौज कर रहा था। देवर बबलू ने मना किया तो मारपीट हो गई। उसे भी बाल पकड़कर पीटा।
वह कालूकुआं पुलिस चौकी पहुंची तो वहां किसी ने नहीं सुना। उल्टा अभिजीत के साथ सिपाही आकर उनको ही धमकाकर चले गए। इसके बाद दोपहर 12 बजे झगड़ा हुआ। फिर शाम 7 बजे अभिजीत ने जूठन फेंकने का बहाना लेकर उन्हें पीटना शुरू कर दिया। इससे झगड़ा बढ़ गया।
अभिजीत ने पथराव करके बबलू के दरवाजे फाड़ दिए। इसी के बाद तनाव और बढ़ गया। वह बचाने के लिए आई तो उसे भी पीटा। वह कोतवाली और चौकी भी गई। लेकिन पुलिस ने समझाबुझाकर लौटा दिया।