ये तालाब नहीं 'शहर ठाकुरद्वारा' की है सड़क!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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ये तालाब नहीं 'शहर ठाकुरद्वारा' की है सड़क!

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यामीन विकट 
ठाकुरद्वारा/मुरादाबाद।
नगर में बारिश के होने से जहां एक ओर भीषण गर्मी में लोगों को भारी राहत मिली, वहीं ये बारिश लोगों के लिए भारी मुसीबत बन गई। 

बारिश के शुरू होने के चंद मिनटों के बाद ही नगर के नालों और नालियों का गंदा पानी रास्तों में भर गया और फिर कुछ इलाकों में देखते ही देखते लोगों के घरों व दुकानों में भी घुस गया। 

इस दौरान लोगों को मजबूरन अपने घरों में क़ैद होना पड़ा और वह रास्तों में भरे गंदे पानी के कारण अपने ज़रूरी कार्यों से भी घर से बाहर नही निकल सके। 

नगर पालिका प्रशासन की बात करें तो नगर की सफाई व्यवस्था के बारे में वह बढ़ चढ़ कर बातें करने में पीछे नहीं रहते। पूरे नगर की सफाई व्यवस्था चौकस है, लेकिन केवल पालिका के कागज़ों में। ज़मीनी स्तर पर बात की जाए तो जिन नालों की सफाई के लिए मोटी रकमो का खर्च होना दर्शाया जाता है उन नालों की केवल ऊपरी सफाई का दिखावा ही किया जाता है। जबकि कुछ इलाकों में तो ये भी नही है। 

अनेक सामाजिक कार्यकर्ता व बुद्धिजीवियों ने इस मामले की शिकायतें भी समय समय पर पालिका प्रशासन से की हैं। लेकिन किसी के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है।

नगर के काशीपुर रोड पर स्थित नाले की सफाई के लिए जब पालिका प्रशासन से अनेकों बार शिकायतों के बाद भी सफाई नहीं हो सकी तो मामला उपजिलाधिकारी तक पंहुचा। जिसपर उपजिलाधिकारी के आदेश पर नाले की सफाई के लिए जे सी बी भिजवाई गयी थी। लेकिन महज़ 4 मीटर नाला साफ कर जे सी बी कल आने की बात कह कर वापस ले जाई गयी थी। जो लगभग 25 दिन बीत जाने के बाद भी दोबारा वापस नहीं आई। 

एक ओर गन्दा पानी रास्तों, दुकानों और घरों में भरकर भारी समस्या खड़ी कर देता है, वहीं दूसरी ओर कई तरह की संक्रामक बीमारियों को भी दावत देता है।