पहलवानों के मुद्दे से विदेशों में भारत की छवि हुई खराब : अखिलेश
लखनऊ | समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा महिला पहलवानों के प्रति अनादर के खुलेआम प्रदर्शन से देश की छवि को बहुत नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी की सामंती मानसिकता का स्पष्ट संकेत है, जो दुनिया में लोकतांत्रिक भारत की छवि पर धब्बा है। उन्होंने कहा, शोषण, उत्पीड़न और विरोध की आवाजों को जबरन चुप कराने की खबरें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हो रही हैं और विश्व समुदाय के सामने भारत का नाम खराब कर रही हैं। भाजपा मूल रूप से एक सामंती मानसिकता का पोषण करती है, जहां न तो महिलाओं का सम्मान होता है और न ही आम आदमी का। उन्होंने कहा, बीजेपी ने लोकतंत्र को शर्मसार किया है।
अखिलेश ने समाचार रिपोर्टों का हवाला दिया कि कैसे महिला पहलवानों ने एक शक्तिशाली शख्स पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया और नई दिल्ली में विरोध स्थल से निकाले जाने के बाद अपना ओलंपिक पदक गंगा में फेंकने और भूख हड़ताल शुरू करने के लिए चली गईं।
इससे पहले राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से निपटने को लेकर भाजपा पर हमला बोला था।
पहलवानों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
अखिलेश ने कहा, एक तरफ जब चुनाव नजदीक होते हैं तो बीजेपी 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' की बात करती है और जब ये लड़कियां उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ आवाज उठाती हैं, तो सरकार उनके साथ ऐसा व्यवहार करती है।
अखिलेश ने समाचार रिपोर्टों का हवाला दिया कि कैसे महिला पहलवानों ने एक शक्तिशाली शख्स पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया और नई दिल्ली में विरोध स्थल से निकाले जाने के बाद अपना ओलंपिक पदक गंगा में फेंकने और भूख हड़ताल शुरू करने के लिए चली गईं।
इससे पहले राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से निपटने को लेकर भाजपा पर हमला बोला था।
पहलवानों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
अखिलेश ने कहा, एक तरफ जब चुनाव नजदीक होते हैं तो बीजेपी 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' की बात करती है और जब ये लड़कियां उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ आवाज उठाती हैं, तो सरकार उनके साथ ऐसा व्यवहार करती है।