'जुमा 52 होली 1 बार' बयान को योगी ने ठहराया सही, कहा- पहलवान बोलेगा तो सच ही बोलेगा!

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में एक ऐसा बयान सामने आया, जिसने न सिर्फ स्थानीय लोगों के बीच चर्चा छेड़ दी, बल्कि पूरे राज्य और सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। यह बयान था संभल के सर्किल ऑफिसर (सीओ) अनुज चौधरी का, जिन्होंने होली और जुमे की नमाज को लेकर कुछ ऐसा कहा कि हर तरफ बहस शुरू हो गई। अनुज चौधरी ने एक शांति समिति की बैठक में कहा था कि होली साल में एक बार आती है, जबकि जुमे की नमाज हर हफ्ते होती है। अगर किसी को होली के रंगों से परेशानी है, तो वे उस दिन घर पर रहकर नमाज अदा कर सकते हैं। इस बयान के बाद जहाँ कुछ लोग उनकी बात से सहमत दिखे, वहीं कई लोगों ने इसे गलत ठहराया। लेकिन अब इस मामले में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुज चौधरी का पक्ष ले लिया है, जिससे यह विवाद और गहरा हो गया है।
योगी का खुला समर्थन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल सीओ अनुज चौधरी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे सही ठहराया। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि अनुज चौधरी कोई साधारण पुलिस अधिकारी नहीं हैं। वे एक पहलवान रहे हैं, जिन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। साथ ही, वे पूर्व ओलंपियन भी हैं। योगी ने हल्के अंदाज में कहा कि जब कोई पहलवान अपनी बात कहेगा, तो उसका लहजा भी पहलवानी वाला ही होगा। कुछ लोगों को उनकी यह बात शायद बुरी लग सकती है, लेकिन जो सच है, उसे स्वीकार करना चाहिए। योगी के इस बयान से साफ है कि वे अनुज चौधरी की बात को न सिर्फ तर्कसंगत मानते हैं, बल्कि उनके अंदाज को भी स्वाभाविक ठहरा रहे हैं।
अनुज चौधरी का बयान क्या था
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ, जब संभल में होली और जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ने की वजह से शांति समिति की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में अनुज चौधरी ने कहा कि होली एक ऐसा त्योहार है, जो साल में सिर्फ एक बार आता है, जबकि जुमे की नमाज साल में 52 बार होती है। अगर किसी को होली के रंगों से दिक्कत है या वे इसे अपनी धार्मिक भावनाओं के खिलाफ मानते हैं, तो वे उस दिन घर पर रहें और नमाज पढ़ लें। उनका यह कहना था कि दोनों समुदायों को एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। लेकिन इस सलाह को कुछ लोगों ने गलत तरीके से लिया और इसे एक खास समुदाय के खिलाफ देखा। इसके बाद यह बात सोशल मीडिया से लेकर सियासी मंचों तक पहुँच गई।